Aaj Samaj (आज समाज), Israel Security Forces Action, तेल अवीव: इजरायली सुरक्षा बलों ने गाजा स्थित अल-शिफा अस्पताल के नीचे चल रहे संदिग्ध हमास के कमांड सेंटर को तबाह कर दिया है। बल बुधवार को शहर के इस सबसे बड़े अस्पताल में दाखिल हुए और फिर आतंकियों के ठिकाने पर कार्रवाई की। इजरायल सुरक्षा बलों (आईडीएफ) ने एक बयान जारी कर कहा कि सेना को अस्पताल में आतंकी ठिकाना होने की खुफिया सूचना मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इस पूरे आॅपरेशन में आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ। अस्पताल परिसर के एक हिस्से में सेना और हमास के आतंकियों के बीच लड़ाई हुई।
- अस्पताल के अंदर स्थिति भयावह : प्रत्यक्षदर्शी
- बिखरे पड़े हैं शव, वहीं रहने को मजबूर हैं लोग
अस्पताल परिसर में खुला रखा गया था एक रास्ता
सेना ने बताया कि आम नागरिकों और मरीजों को सुरक्षित निकालने के लिए अस्पताल परिसर में एक रास्ता खुला रखा गया था। साथ ही कार्रवाई से पहले अस्पताल प्रशासन को भी इसकी जानकारी दे दी गई थी। अस्पताल में आपरेशन चलाने वाली सैन्य टीम में मेडिकल टीम के सदस्यों के सात ही अरबी भाषा बोलने वाले सैनिक भी थे, जिन्हें खास तौर पर इस तरह के आॅपरेशन के लिए ट्रेनिंग दी गई थी ताकि आम नागरिकों या मरीजों को कोई नुकसान ना पहुंचे।
अमेरिका के अनुरोध के मद्देनजर बरती जा रही एहतियात
आईडीएफ ने कहा है कि अमेरिका ने बार-बार अल-शिफा अस्पताल की सुरक्षा को लेकर अनुरोध किया है, जिसके मद्देनजर वे खुफिया जानकारी व जरूरत के आधार पर अस्पताल के एक विशेष क्षेत्र में हमास के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सल्मिया ने कहा, अस्पताल परिसर में शव बिखरे पड़े हैं और मुर्दाघर में अब बिजली नहीं है। उन्होंने कहा, हमें उन्हें सामूहिक कब्र में दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। अबू सल्मिया का अनुमान है कि अब तक 179 शवों को दफनाया जा चुका है, जिनमें सात नवजात शिशु भी शामिल हैं, जिनकी मृत्यु तब हुई जब उनके इनक्यूबेटरों ने बिजली बंद कर दी।
बाइडेन का अनुरोध, इजरायल का तर्क
हमले से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अस्पताल की सुरक्षा की जानी चाहिए, लेकिन इजरायल ने बार-बार दावा किया है कि हमास के लड़ाके अस्पताल परिसर का इस्तेमाल सैन्य सेवा के लिए कर रहे हैं, जिसके चलते पूरा अस्पताल खतरे में है। आॅपरेशन के खिलाफ किसी भी प्रतिक्रिया को कम करने का प्रयास करते हुए, आईडीएफ ने कहा कि उसने हमास द्वारा संचालित गाजा में अधिकारियों को 12 घंटे का नोटिस दिया था कि अंदर सैन्य अभियान बंद होना चाहिए।
अस्पताल में कम से कम 2,300 मरीज : यूएन
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अल-शिफा अस्पताल में कम से कम 2,300 मरीज, कर्मचारी और विस्थापित नागरिक अंदर हैं, जो कई दिन की भीषण लड़ाई व हवाई बमबारी के कारण फंसे हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अस्पताल के अंदर स्थिति भयावह है। गलियारों में कई परिवार रह रहे हैं और वहीं पर हाल ही में देखा गया है कि सड़ती लाशों की दुर्गंध आ रही थी।
जस्टिन ट्रूडो के बयान पर इजरायली पीएम का करारा जवाब
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने एक बयान में गाजा पट्टी में इजरायल की कार्रवाई की आलोचना की और कहा कि ‘गाजा पट्टी में इजरायल द्वारा मारे जा रहे महिलाओं व बच्चों की मौतों का अब अंत होना चाहिए। इस पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने करारा जवाब दिया है।
हमास का हमला सबसे भयानक त्रासदी : नेतन्याहू
नेतन्याहू ने कहा, यह इजरायल नहीं है, जो जानबूझकर आम नागरिकों को निशाना बना रहा है बल्कि यह हमास है जो लोगों की गर्दन काट रहा है, उन्हें जला रहा है और नरसंहार कर रहा है। हमास का हमला यहूदी नरसंहार के बाद यहूदियों पर की गई सबसे भयानक त्रासदी है। इजरायल आम नागरिकों को बचाने के लिए सबकुछ कर रहा है जबकि हमास लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए सबकुछ कर रहा है। नेतन्याहू ने यह भी लिखा कि सभ्य देशों को इजरायल का समर्थन करना चाहिए ताकि हमास की बर्बरता को हराया जा सके।
यह भी पढ़ें :