Israel-Iran war impact on India, (आज समाज), नई दिल्ली: ईरान के इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमलों के 25 दिन बाद इजरायल ने आज उसे जवाब दे दिया। इसके बाद दोनोें देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि ईरान ने भी इजरायल को उसके हमले का जवाब देने की बात कही है। अगर ईरान ऐसा करता है और दोनों देशों के बीच जंग छिड़ती है तो इसका मिडिल ईस्ट (Middle East) के साथ-साथ भारत पर भी असर दिख सकता है।
- भारत करता है चावल और चाय पत्ती का निर्यात
- ईरान से भारत आयात करता है सनफ्लावर आयल
भारत-ईरान के बरसों पुराने रिश्ते
यदि इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ता है तो भारत में इसका सीधा असर ईरान को निर्यात किए जाने वाले चावल पर पड़ेगा। बता दें कि भारत-ईरान के बीच व्यापारिक रिश्ते बरसों पुराने हैं और भारत बड़े पैमाने पर ईरान को बासमती चावल के अलावा चाय पत्ती भी निर्यात करता है। सरकारी आंकड़ों की अगर बात करें तो देश में पैदा होने वाले बासमती चावल का कुल 19 फीसदी हिस्सा भारत ईरान को एक्सपोर्ट करता है।
2023-24 में निर्यात किया इतने मिलियन डॉलर का चावल
सरकारी आंकड़ों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष यानी 2023-24 में भारत की ओर से ईरान को 680 मिलियन डॉलर का बासमती चावल निर्यात किया था। साथ ही 2023-24 में भारत ने ईरान को 32 मिलियन डॉलर की चाय पत्ती एक्सपोर्ट की थी। दूसरी तरफ भारत ईरान से सूरजमुखी फूल (Sunflower) के तेल का आयात करता है। इजरायल-ईरान के बीच जंग छिड़ने से इस पर भी प्रभाव पड़ेगा। युद्ध होने से भारत में सनफ्लावर आयल (Sunflower Oil) महंगा हो सकता है।
हमास से एक साल से जंग जारी
गौरतलब है कि ईरान से पहले इजरायल की गाजा में हमास के साथ एक साल से ज्यादा समय से जंग जारी है। इसके बाद कुछ दिन से इजरायल हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर लेबनान में हवाई हमले कर रहा है। 2023 में 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हजारों रॉकेट दाग दिए थे और उसके बाद गाजा से सटे इजरायल के शहरों में घुसकर हमास के लड़ाकों ने कई लोगों की हत्या कर दी और कई को बंधक बनाकर साथ ले गए थे। बता दें कि गाजा में अरसे से सक्रिय कट्टरपंथी संगठन हमास और लेबनान में सक्रिय हिजबुल्लाह को ईरान सपोर्ट करता है।
ईरान ने इजरायल पर दागी थी 180 से ज्यादा मिसाइल
ईरान ने एक अक्टूबर को इजरायल पर 180 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलों से अटैक किया था। इजरायल ने इसके बाद ईरान को इसका जवाब देने की कसम खाई थी। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा था कि ईरान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर इजरायल पर फिर से हमला करेंगे। उन्होंने 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के हमले को जायज ठहराया था। खामेनेई ने उस दौरान मुसलमानों से एकजुट होने का भी आह्वान किया था। साथ ही कहा था कि ईरान हमास और हिज्बुल्लाह का साथ देता रहेगा।
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