Aaj Samaj (आज समाज), Israel Gaza War, नई दिल्ली: वैसे तो किसी भी देश के साथ ही वैश्विक स्तर पर भी युद्ध से नुकसान ही होता है, लेकिन किसी दूसरे क्षेत्र अथवा राष्टÑ के लिए यह कई मायनों में फायदेमंद भी होता है। इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच जारी जंग में भी ऐसा ही दिखता है। ग्लोबल इकोनॉमी के दौर में हर देश दूसरे से लिंक है और ऐसे में इजरायल-हमास जंग का असर केवल इजरायल और फलस्तीन तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसका असर पड़ेगा।
आयात-निर्यात प्रभावित हो सकता है
अगर भारत के हिसाब से देखें तो इस युद्ध के कारण देश में महंगाई बढ़ेगी, लेकिन कुछ फायदे भी होंगे। युद्ध से भारत में कच्चे तेल की कीमत में तेजी से महंगाई बढ़ सकती है और आयात-निर्यात प्रभावित हो सकता है। गौरतलब है कि बुधवार को इजरायल-हमास जंग का 26वां दिन था और अब तक दोनों पक्षों के अरबों-खरबों रुपए का नुकसान हो चुका है। जंग के कारण अब तक दोनों पक्षों के लगभग 10 हजार लोग मारे जा चुके हैं। हमास ने सात अक्टूबर को अचानक हजारों की संख्या में इजरायल के शहरों में रॉकेट दागे थे और साथ ही कई जगह नरसंहार किया। हमास के आतंकी कई लोगों को बंधक बनाकर ले गए हैं और अब तक भी उसके कब्जे में 220 से ज्यादा बंधक है। इजरायल ने चेतावनी दी है कि जब तक वह हमास आतंकियों को खत्म नहीं कर देता युद्ध जारी रखेगा।
भारत का रुख कर सकती हैं वैश्विक कंपनियां
एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल में 500 से ज्यादा मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर है। युद्ध की स्थिति में इन कंपनियों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए अस्थाई तौर पर इजरायल में कामकाज बंद कर रखा है। अगर युद्ध लंबे समय तक चला तो ये कंपनियां इजरायल से अपना कारोबार समेटकर भारत अथवा अन्य देशों में शिफ्ट कर सकती हैं।
टाइम जोन के हिसाब से भारत व पश्चिम एशियाई देश विकल्प
रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि इजरायल में अपना दफ्तर चला रही कंपनियां अपना कारोबार किसी ऐसी जगहों पर शिफ्ट कर सकती हैं, जिनका टाइम जोन इजरायल से मैच करता हो। ऐसे में भारत और पश्चिम एशियाई देश उनके लिए विकल्प बन सकते है। जिस तरह से बीते कुछ सालों से भारत विदेशी कंपनियों की पहली पसंद बनकर उभरा है, इसका फायदा उसे यहां भी मिल सकता है।
भारत की फार्मा कंपनियों के लिए खुल सकते हैं नए मौके
इजरायल हमास युद्ध से भारत की फार्मा कंपनियों के लिए नए मौके खुल सकते हैं। युद्ध और तनाव के चलते पश्चिम एशिया के कई देशों के दवा उद्योगों के सामने संकट है। यूएई, बहरीन, ओमान, कतर जैसे देश आयात पर निर्भर है। युद्ध के कारण इन देशों का करीब 1 बिलियन डॉलर का दवा व्यापार प्रभावित हो सकता है। ऐसे में ये देश भारत की फार्मा इंडस्ट्री का रुख कर सकते हैं। उनके लिए यह मौका हो सकता है।
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