Aaj Samaj (आज समाज), Israel Clears Hamas, तेल अवीव: इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच मंगलवार को जंग का 18वां दिन था। हमास ने सोमवार को बंधक बनाए गए लोगों में से दो और को अपने कब्जे छोड़ा था और उसके बाद इजरायल से गाजा में ईंधन की आपूर्ति करने की इजाजत दिए जाने की शर्त पर 50 और बंधकों को छोड़ने की शर्त रखी जिसे इजरायल ने ठुकरा दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार इजरायल ने कहा है कि वह गाजा में ईंधन के प्रवेश की अनुमति केवल तभी देगा जब सभी लगभग 220 बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा।
- मानवीय आधार पर छोड़ीं दोनों बुजुर्ग महिलाएं
23 अक्टूबर को हमास ने छोड़ी थीं महिलाएं
माना जाता है कि सभी बंधक हमास की कैद में नहीं हैं, क्योंकि फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने भी अपने 30 बंधकों को बंधक बनाने का दावा किया है और कथित तौर पर असंबद्ध फलस्तीनियों ने नरसंहार में भाग लिया था, और इस प्रक्रिया में उन्हें भी बंदी बना लिया था। बता दें कि 23 अक्टूबर को हमास ने 79 वर्षी नुरिट कूपर और 85 वर्षीय योचेवेद लिफ्शिट्ज को रिहा किया था। इससे पहले हमास ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को एक अमेरिकी मां जुडिथ रानन और उनकी बेटी नताली को छोड़ा था। हमास प्रवक्ता ओसामा हमदान का कहना है कि बंधकों को छोड़ने पर उन्हें कुछ नहीं मिला है। उसने कहा, हमने मानवीय आधार पर उन्हें छोड़ा है।
50 दोहरी नागरिकता वाले बंधकों को रिहा करने के लिए रखी थी शर्त
गौरतलब है कि हमास ने सात अक्टूबर को जब गाजा पट्टी से इजरायल के शहरों में एक साथ हजारों की संख्या में रॉकेट दागे थे, उस समय जबरन घरों व क्लबों और अन्य जगहों पर घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया था। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के हवाले से बताया गया था कि हमास ने 50 दोहरी नागरिकता वाले बंधकों को रिहा करने के लिए इजरायल के सामने यह शर्त रखी थी कि गाजा में ईंधन की आपूर्ति करने की इजाजत मिले।
7 अक्टूबर से 6000 से ज्यादा लोगों की मौत
हमास ने 7 अक्टूबर को जब इजरायल पर हमला कर 1,400 से ज्यादा लोगों को मार डाला था। उसके बाद इजरायल ने भी तुरंत पलटवार किया और अब तक बमबारी व अन्य हमलों में दोनों पक्षों के 6000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार हवाई हमलों में लगभग 5,000 लोग मारे गए हैं। बता दें कि युद्ध शुरू होने के बाद दुनिया दो हिस्सों में बंट गई थी। युद्ध पर अपने रुख को लेकर आलोचना के बाद चीन ने स्वीकार किया कि इजरायल को हमास के खिलाफ आत्मरक्षा का अधिकार है।
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