Israel-Iran War News: 14 मई, 1948 को अस्तित्व में आया था इजरायल

0
103
14 मई, 1948 को अस्तित्व में आया था इजरायल
Israel-Iran War News: 14 मई, 1948 को अस्तित्व में आया था इजरायल

डेविड बेन-गुरियन ने की थी इजरायल की स्थापना की घोषणा
Israel-Iran War News (आज समाज) नई दिल्ली: आज ईरान और इजरायल जंग के मुहाने पर खड़े है। दोनों देश एक दूसरे को खत्म करना चाहते है। करीब 24 दिन पहले ईरान द्वारा इजरायल पर किए हमले का जवाब देते हुए इजरायल ने आज ईरान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। ईरान पर किए गए हमलों को लेकर इजरायल का कहना है कि वह अपने देश व नागरिकों की सुरक्षा के लिए जो भी कुठ करना पड़ेगा वह करेंगा। इजरायल ने यह कार्रवाई अपने आत्म सम्मान की रक्षा के लिए की है। वहीं आपको यह भी बता दें कि इजरायल के जन्म के साथ की विवादों का भी जन्म हुआ। इजरायल 14 मई 1948 को अस्तित्व में आया था।

यहूदी एजेंसी के प्रमुख डेविड बेन-गुरियन ने इजरायल की स्थापना की घोषणा की। उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने उसी दिन नए राष्ट्र के तौर पर इजरायल को मान्यता दे दी थी। दुनिया के जिस हिस्से को आज ज्यादातर देश इजरायल के तौर पर मान्यता देते हैं, 1948 से पहले वह ब्रिटेन के नियंत्रण में था। प्रथम विश्व युद्ध से पहले पश्चिम एशिया के इस हिस्से यानी फिलीस्तीन पर ओटोमन साम्राज्य का राज था। ओटोमन साम्राज्य की हार के बाद ब्रिटेन ने फिलिस्तीन पर नियंत्रण कर लिया। यहां यहूदी और अरबों की आबादी रहती थी। अल्पसंख्यक यहूदियों और बहुसंख्यक अरबों के अलावा कुछ दूसरे जातीय समूह भी यहां पर रहते थे।

यूरोप और जर्मनी से भागकर यहूदी फिलीस्तीन पहुंचे

दुनिया के कई हिस्सों में उत्पीड़न का शिकार हो रहे यहूदियों को साल 1917 में ब्रिटेन के विदेश सचिव आर्थर बाल्फोर की ओर से एक देश देने की बात कही गई थी। ब्रिटेन के फिलिस्तीन में यहूदी लोगों के लिए एक देश बनाने का विचार दिया और फिलीस्तीन में इसकी कोशिश शुरू हो गई। 1920 के बाद से 1940 तक यहां लगातार यूरोप और जर्मनी से भागकर यहूदी फिलीस्तीन पहुंचे। इससे इलाके में यहूदियों की संख्या बढ़ गई। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इजरायल की स्थापना पर तेजी से काम शुरू हुआ।

यरुशलम को अंतरराष्ट्रीय शहर किया घोषित

इस पर आगे बढ़ते हुए 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को अलग-अलग यहूदी और अरब देश में बांटने करने के लिए मतदान कराया और यरुशलम को एक अंतरराष्ट्रीय शहर बना दिया। इसे यहूदी नेताओं ने स्वीकार किया लेकिन अरब पक्ष ने अस्वीकार कर दिया। इसके एक साल बाद 1948 में यहूदी नेताओं ने यहूदियों के लिए एक सुरक्षित देश और मातृभूमि होने की बात कहते हुए इजरायल की स्थापना की घोषणा कर दी।

पांच देशों की सेनाओं ने इजरायल पर किया हमला

इजरायल को अमेरिका का साथ मिला लेकिन पड़ोसी अरब देश इससे भड़क गए और दूसरे ही दिन पांच देशों की सेनाओं ने नए बने देश पर हमला कर दिया। 1967 में एक बार फिर अरब देशों और इजरायल के बीच लड़ाई छिड़ी। ये लड़ाई सिर्फ छह दिन चली लेकिन इजरायल के लिए काफी फायदेमंद रही। इस दौरान इजरायल ने पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक, सीरियाई गोलान हाइट्स, गाजा और मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया। इसके बाद से इजरायल ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में बस्तियां बनाकर यहूदियों को बसाया है।

यह भी पढ़ें: इजरायल ने लिया 200 मिसाइल हमले का बदला, ईरान के कई सैन्य ठिकाने तबाह किए