Aaj Samaj (आज समाज), Israel Approves Ceasefire, तेल अवीव: इजरायल ने फलस्तीन समर्थक आतंकी संगठन हमास द्वारा बंधक बनाए गए बच्चों व 50 महिलाओं की रिहाई के बदले 150 फलस्तीनी महिला और नाबालिग कैदियों की जेल से रिहाई की शर्त पर 4 दिन के संघर्ष विराम को मंजूरी दी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि सरकार ने हमास द्वारा गाजा में बंधक बनाई गईं 50 महिलाओं और बच्चों को मुक्त करने के लिए फलस्तीनी हमास आतंकियों के साथ एक समझौते का समर्थन किया है। बता दें कि कतर के अधिकारी इजरायल और हमास के बीच समझौते में मध्यस्थता कर रहे हैं।
- गाजा पर जारी हमलों के बाद पहला युद्ध विराम
घातक हमलों में शामिल न होने वाले कैदी छोड़े जाएंगे
नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि बदले में इजरायल सुरक्षा संबंधी अपराधों के लिए अपनी जेलों में बंद लगभग 150 फलस्तीनी महिलाओं और नाबालिगों को रिहा कर देगा। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि उन लोगों को रिहा किया जाएगा, जिन पर सीधे तौर पर किसी भी घातक आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप नहीं होगा। इजरायल की पिछले डेढ़ महीने से गाजा पर जारी हमले के बाद यह पहला युद्ध विराम होगा। इस युद्ध विराम के कारण गाजा में मानवीय सहायता भी पहुंच सकेगी।
बाकी 30 बंधकों की रिहाई की भी संभावना
हमास से हुए समझौते की व्यापक रूपरेखा के तहत छोड़े जाने वाले बंधकों में 30 बच्चे, आठ माताएं और 12 अन्य महिलाएं है। उन्हें 96 घंटों के दौरान (4 दिन सीजफायर) एक साथ नहीं बल्कि छोटे-छोटे समूहों में रिहा किया जाएगा। अगर लड़ाई को अगले चार दिन तक रोक दिया जाता है तो गाजा में रखे गए बाकी 30 बंधकों की रिहाई की भी संभावना है। रिहाई के लिए निर्धारित सभी लोग जीवित हैं और उनके पास इजरायल की नागरिकता है।
7 अक्टूबर को हमले के दौरान 240 लोग बंधक बनाए
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला करने के बाद हमास ने लगभग 240 लोगों को बंधक बना लिया था। इन बंधकों में मुख्य रूप से वे लोग थे जो एक संगीत समारोह में शामिल हुए थे। इजरायल ने कहा है कि इजरायली नागरिकों के अलावा आधे से ज्यादा बंधकों के पास अमेरिका, थाईलैंड, ब्रिटेन, फ्रांस, अर्जेंटीना, जर्मनी, चिली, स्पेन और पुर्तगाल सहित लगभग 40 देशों की विदेशी और दोहरी नागरिकता थी। बता दें कि इजराइल-हमास जंग में अब तक गाजा में 13000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई है। वहीं इजरायल में लगभग 1200 लोगों की जान गई है जिनमें से अधिकांश 7 अक्टूबर को हमास के हमले में मारे गए थे।
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