ISKCON Kurukshetra and ISKCON Prachar Samiti : धर्म से रहित मनुष्य मात्र दो पैर वाला सजावटी जीव I सत्यापति दास

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कथा करते हुए कथा व्यास सत्यापति दास।
कथा करते हुए कथा व्यास सत्यापति दास।

Aaj Samaj (आज समाज), ISKCON Kurukshetra and ISKCON Prachar Samiti, मनोज वर्मा, कैथल :
इस्कॉन कुरुक्षेत्र व इस्कॉन प्रचार समिति कैथल द्वारा श्राद्ध पक्ष में आयोजित भागवत कथा में कथा व्यास सत्यपति दास ने कथा में आये हुए श्रद्धालुओ को सनातन धर्म का अर्थ समझाया। उन्होंने बताया कि खाना, सोना, किसी से भयभीत हो कर अपना बचाव करना, भोग विलास करना – ये लक्षण पशुओ व मनुष्यों में सामान हैं। लेकिन मनुष्यों में धर्म एक विशेष गुण है जोकि मनुष्यों को श्रेष्ठ बनाता है। इस्कॉन संथापकाचार्य श्रील प्रभुपाद जी के अनुसार जो व्यक्ति धर्म से रहित है वह दो पैर वाला सजावटी पशु है।

उन्होंने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं श्रीमद भगवत गीता में कहा है – “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥” अर्थात – हे अर्जुन! जब जब धर्म की हानि होती है तब मैं धर्म के उत्थान के लिए स्वयं को प्रकट कर देता हूँ।

प्रभु जी ने साधारण शब्दों में समझते हुए कहा कि धर्म का साधारण अर्थ कर्तव्य है। हर वस्तु का धर्म उसी के साथ ही पैदा होता है और ठीक उसी तरह मनुष्य की आत्मा का भी धर्म है। आत्मा का धर्म है भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करना, उनके विग्रह की सेवा करना। हमारी आत्मा पर तीन भौतिक गुणो का प्रभाव होता है – सतोगुण, रजोगुण, तमोगुण। सतोगुण में समाज सेवा वाला भाव रहता है, रजोगुण में मौज-मस्ती वाला भाव रहता है जबकि तमोगुण में अहम वाला भाव जैसे कि घमंड, चोरी, डकैती, गलत कार्य करना इत्यादि यह सब होता है।

सत्संग के प्रभाव से इन तीनों गुणों का प्रभाव मनुष्य पर नहीं पड़ता। जो भगवान की सेवा नहीं करता, वह हमेशा दुखी ही रहता है। इसके विपरीत जो व्यक्ति भगवान की सेवा करते हैं वे चाहे भौतिक रूप से सुखी न हों लेकिन वे आध्यात्मिक रूप से संतुष्ट होते हैं, सुखी होते हैं। उन्होंने बताया कि परमात्मा सभी के हृदय में विराजमान रह कर उन्हें स्मरण शक्ति प्रदान करते हैं। किसी भी व्यक्ति को ज्ञान या बुद्धि प्राप्त होती है तो केवल भगवान की कृपा से ही प्राप्त होती है।

कथावाचक सत्यापति दास ने प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए बताया कि “भगवत कथा कोई साधारण नहीं है। यह स्वयं भगवान हैं, इसलिए हमेशा इसका श्रवण ध्यानपूर्वक करना चाहिए।”

इस्कॉन कैथल के प्रेस सचिव भारत मदान ने बताया कि कथा के चतुर्थ दिवस छोटे बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता रखी गई है जिसमें 0-5 वर्ष, 6-10 वर्ष व 11-15 वर्ष के बच्चे भगवान श्री कृष्ण की पेंटिंग बनाकर लाएंगे।

इस अवसर पर अग्रवाल युवा सभा के प्रधान भूपेश अग्रवाल (प्रमुख समाजसेवी), कैथल शहर के डीएसपी उमेद सिंह चहल, वरिष्ठ एडवोकेट मनदीप सिंह , मनोज बंसल , परवीन जिंदल , गौरव मित्तल (चेयरमैन पब्लिसिटी अग्रोहा मेडिकल कॉलेज), अमन सिंगला , सुनील चुघ ने ज्योति प्रज्वलित कर कथा का शुभारंभ करवाया। कथा स्थल पर समिति के सदस्य – राम निवास, रमेश कुमार, अमित सैनी, शुभम सैनी, सतप्रकाश, मनीष, जोनी, सुनील, लवली व हजारों की संख्या श्रद्धालु मौजूद थे।

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