एजेंसी,अमृतसर। पंजाब के तरनतारन में अत्याधुनिक हथियार ड्रोन से गिराए जाने के मामले में अब पाकिस्तान के इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद की भूमिका सामने आई है। जिससे एक बार फिर भारत की सीमाओं में पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ करने और आतंकियों को बढ़ावा देने की बात पुष्ट होती है। इन हथियारों में 5 एके-47 राइफलें, ग्रेनेड, पिस्टल्स और सेटेलाइट फोन्स शामिल हैं, जिसे जीपीएस युक्त ड्रोन से 9 से 16 सितंबर के बीच हवाई मार्ग से गिराया गया, ताकि भारत में आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा सके। भारतीय खुफिया एजेंसिंयो द्वारा इंटरसेप्ट किए गए एक संदेश में पंजाब में जब्त किए गए हथियारों के बारे में चर्चा करते हुए एक आईएसआई अधिकारी (जिसकी पहचान नहीं हो सकी) ‘हामिद साब’ के नाम का उल्लेख किया। भारतीय एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि बातचीत एक विशेष संदर्भ में हामिद साब का हवाला देती है, जो कि संभवत: आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को संदर्भित है, जिन्होंने पाकिस्तान की शक्तिशाली जासूसी एजेंसी के प्रमुख का कार्यभार इस साल 19 अप्रैल को संभाला था। सूत्रों ने खुलासा किया कि हथियारों की पूरी खेप आईएसआई-समर्थित आंतकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स द्वारा ड्रोन के माध्यम से सीमा पार भेजी गई। भारतीय क्षेत्र के अंदर हवाई मार्ग से हथियारों की खेप पहुंचाने का उद्देश्य निश्चित रूप से जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देना है। कई रिपोर्टों में कहा गया है कि लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के करीबी हैं, जिन्होंने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का कई बार दौरा किया है। भारत सरकार के इस फैसले ने पाकिस्तान के शीर्ष हलकों में हलचल मचा दी है।
हवाई मार्ग से हथियारों की इस खेप ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में दिसंबर 1995 में हुई ऐसी की घटना की याद दिला दी है, जबकि कराची एयरपोर्ट से एएन-26 विमान द्वारा एके-47 राइफलें और ग्रेनेड समेत कई हथियार गिराए गए थे। खुफिया ब्यूरो ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आईएसआई ने सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से 10 किलो पेलोड क्षमता वाले हाई-टेक ड्रोन के माध्यम से तरनतारन जिले के एक खास स्थान पर जीपीएस-इंस्टाल्सड रिमोट आॅपरेशन के माध्यम से हथियारों की खेप भेजी। एजेंसियों से मिली गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस ने 22 सितंबर को पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें तरनतारन के चोहला साहिब के चार लोग थे।
आईबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआई का जो आदमी पाकिस्तान से इस आॅपरेशन को अंजाम दे रहा था, उसका नाम रणजीत सिंह उर्फ नीता है, जो लाहौर के एक गेस्ट हाउस से यह आॅपरेशन चला रहा था। जांच से पता चलता है कि इस्तेमाल किए गए ड्रोन चीन में बने थे। हथियारों के अलावा नकली भारतीय मुद्रा भी हवाई मार्ग से गिराए गए थे। सूत्रों के मुताबिक, बरामद नकली भारतीय मुद्रा की कीमत 10 लाख रुपये हैं, जोकि बहुत उच्च गुणवत्ता के नोट हैं, जिसे आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता है। इस दौरान, पंजाब पुलिस ने इस मामले से जुड़ी जानकारी भारतीय वायु सेना से साझा किया है। वायु सेना की चंडीगढ़ स्थित वेस्टर्न एयर कमांड (डब्ल्यूएसी) को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि आईएसआई के किसी भी ऐसे कदम को नाकाम किया जा सके।