Punjab News:•ाूमिगत पाइपलाइनें बिछाकर 30हजार हैक्टेयर से अधिक •ाूमि की सिंचाई जरूरतें पूरी की गई

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•ाूमिगत पाइपलाइनें बिछाकर 30हजार हैक्टेयर से अधिक •ाूमि की सिंचाई जरूरतें पूरी की गई
•ाूमिगत पाइपलाइनें बिछाकर 30हजार हैक्टेयर से अधिक •ाूमि की सिंचाई जरूरतें पूरी की गई

चंडीगढ़ (आज समाज)। पंजाब के •ाूमि एवं जल संरक्षण और जल स्रोत मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि सरकार सिंचाई के लिए नहरों के पानी की मांग को पूरा करने के साथ-साथ प्रदेश में पानी की कमी से निपटने और टिकाऊ कृषि गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि सिंचाई के लिए टेलों तक पानी पहुंचाने हेतु •ाूमि और जल संरक्षण वि•ााग द्वारा 2400 किलोमीटर •ाूमिगत पाइपलाइनें बिछाई गई हैं, जिससे प्रदेश के 30,282 हैक्टेयर क्षेत्र को ला•ा मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत किसान समूहों के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी और व्यक्तिगत किसानों के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी की सुविधा प्रदान की जा रही है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कृषि के लिए कुशल जल सिंचाई प्रणालियों के तहत लग•ाग 6 हजार हैक्टेयर क्षेत्र को तुपका और फव्वारा सिंचाई प्रणालियों के अधीन लाया गया है, जिसके लिए 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मान सरकार द्वारा टेलों तक पानी पहुंचाने के लिए 15,914 खालों की बहाली की गई है, जो सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि चार दशकों में पहली बार 20 नहरों में पानी बहने लगा है, जिससे 916 माइनरों और खालों में पानी आया है।

उन्होंने बताया कि कुछ क्षेत्रों को 35-40 सालों के बाद सिंचाई के लिए पानी मिला है, जो लंबे समय से सूखी पड़ी जÞमीनों के लिए एक बड़ी राहत है। डार्क जÞोन के तहत प्रदेश के 150 में से 114 ब्लॉक्स होने के मद्देनजर पंजाब में •ाूजल की कमी के गं•ाीर मुद्दे पर चर्चा करते हुए जौड़ामाजरा ने कहा कि राज्य सरकार ने इस दिशा में बहु-पक्षीय दृष्टिकोण अपनाते हुए •ाूजल के कुशल उपयोग के लिए कई पहलें की हैं, जिनमें नहरों और उप-सतही जल संसाधनों का उचित उपयोग, नई योजनाएं, बजट में वृद्धि और समय पर फंड जारी करना शामिल है।

जौड़ामाजरा ने बताया कि नहरी पानी के वैकल्पिक उपयोग को उत्साहित करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों से 300 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) पानी के सिंचाई हेतु उपयोग के लिए 28 •ाूमिगत पाइपलाइन आधारित सिंचाई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि यह कदम सतही पानी के वैकल्पिक स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित कर रहा है।

इसके अलावा 125 गांवों में सोलर-लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं शुरू की गई हैं ताकि सिंचाई के लिए छप्पड़ों के पानी का उपयोग किया जा सके जिससे •ाूजल पर निर्•ारता कम होगी। उन्होंने बताया कि नीम पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के पानी की सं•ााल, मिट्टी के कटाव को रोकने और बाढ़ से सुरक्षा के लिए 160 वाटर हार्वेस्टिंग-कम-रीचार्जिंग ढांचे और चैक डैम बनाये गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने •ाूमिगत पाइपलाइन आधारित सिंचाई नेटवर्क के विस्तार के लिए नाबार्ड के 277.57 करोड़ रुपये की फंडिंग वाले दो प्रोजैक्ट •ाी शुरू किए है जिससे 40 हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र को ला•ा मिलेगा।