Irrigation Department : महेंद्रगढ़ में दोहान नदी का पानी होगा नियंत्रित

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डॉ. अभय सिंह यादव।
डॉ. अभय सिंह यादव।
  • गौशाला एवं बूचियावाली आश्रम के पीछे से खोदा जाएगा बाईपास नाला
  • वन विभाग की बनी सहमति
  • दोहान नदी में पानी डालने से भूजल में अभूतपूर्व सुधार हुआ : डॉ. अभय यादव

Aaj Samaj (आज समाज), Irrigation Department , नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
दोहान नदी में डेरोली एस्केप से छोड़े जाने वाले पानी से महेंद्रगढ़ की गौशाला के पास पहुंचकर शहर की कुछ संस्थाओं में जल भराव की समस्या को देखते हुए सिंचाई विभाग ने आश्रम और गौशाला के पीछे से एक बाइपास नाला बनाने का निर्णय लिया था। परंतु वन विभाग की आपत्ति के उपरांत यह सिरे नहीं चढ़ पाया था। नांगल चौधरी के विधायक डॉ. अभय सिंह यादव ने इस विषय में वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से बात करके वन विभाग से इस नाले की खुदाई के लिए सहमति प्राप्त कर ली है।

डॉ. यादव ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मंगलवार सायंकाल अतिरिक्त मुख्य सचिव से दूरभाष पर बात करने के बाद महेंद्रगढ़ वनमंडल अधिकारी से बात हुई तथा उन्होंने इस शर्त पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है कि इस नाले की खुदाई के दौरान किसी पेड़ को कोई नुकसान नहीं होगा और वन विभाग के अधिकारियों की निगरानी में ही इस नाले की खुदाई की जाएगी।

डॉ. यादव ने बताया कि उन्होंने मुख्य रूप से वन विभाग के अधिकारियों के समक्ष यह बात रखी है कि किसी भी वन क्षेत्र से यदि पेड़ों को नुकसान किए बिना उनके बीच से पानी का कच्चा रास्ता बनाया जाता है तो वहां के आस-पास की वनिकी एवं उसमें लगे पेड़ों को जल आपूर्ति होती है तथा वन क्षेत्र की सघनता एवं उसका विकास अधिक गति से होता है।

सिंचाई विभाग का यह नाला न केवल पानी को नियंत्रित करते हुए इस समस्या का समाधान करेगा अपितु वन विभाग के पेड़ों को भी अतिरिक्त पानी मिलेगा। विभाग ने उनकी बात से सहमत होते हुए नाले की खुदाई के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इस नाले की खुदाई का काम महेंद्रगढ़ सिंचाई विभाग द्वारा शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।

यह बाईपास नाला बनने के बाद वहां उपलब्ध पानी दोनों नालों में बराबर बहेगा तथा आस-पास के क्षेत्र में पानी का फैलाव कम होगा।

डॉ. यादव ने कहा कि सरकार की पिछली योजना में नदी के साथ लगते हुए लगभग 20 से अधिक गांवों के सरपंचों के अनुरोध पर नदी में यह नाला बनाने की योजना सिंचाई विभाग से बनवाई गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बरसात में उपलब्ध फालतू पानी को दोहान नदी के रास्ते जहां तक संभव हो अधिक से अधिक दूरी तक ले जाया जाए ताकि नदी मार्ग पर स्थित आस-पास के गांवों की भूमि में भूजल रिचार्ज हो सके।

उन्होंने दावा किया कि यह योजना पूर्ण रूप से सफल रही है और जहां भी पिछले चार पांच साल से यह पानी जा रहा है उन गांवों के भूजल में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। हर साल ट्यूबवेलों में अतिरिक्त पाइप डालने के करोड़ों रुपए के खर्चे से किसान की बचत हुई है।

उन्होंने कहा कि यदि यह पानी निर्बाध गति से आगे बढ़ता रहा तो पानी इसी बरसात के मौसम में कई किलोमीटर आगे तक जाएगा।

डाक्टर यादव ने कहा कि अगली बरसात से पहले महेंद्रगढ़ डिस्ट्रीब्यूटरी की क्षमता बढ़ाते हुए उसका जीर्णोद्धार का काम भी पूरा हो जाएगा तथा बरसात का पानी उस नहर में भी जब चलाया जाएगा तो महेंद्रगढ़ नारनौल रोड़ के पश्चिम में पड़ने वाले दर्जनों गांवों के भूजल में भी इसी तरह से सुधार होगा।

उन्होंने कहा कि समस्त महेंद्रगढ़ जिले की जल व्यवस्था में सुधार करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है और उसके लिए हर वर्ष कोई न कोई नई योजना धरती पर लाई जा रही है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि इस काम में यथासंभव जनभागीदारी करते हुए समाज के सभी लोग इसमें अपना सहयोग करें।

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