आयरन गोली पूरी तरह से सुरक्षित व प्रभावशाली: उपायुक्त अनीश यादव

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Iron tablet is completely safe and effective: Deputy Commissioner Anish Yadav

इशिका ठाकुर, करनाल:

आयरन गोली पूरी तरह से सुरक्षित व प्रभावशाली, सरकारी व प्राईवेट स्कूलों के बच्चों व किशोरी लड़कियों को अवश्य खिलाएं आयरन की गोली, भारत की भावी पीढ़ी को एनीमिया मुक्त बनाने में करें सहयोग : उपायुक्त अनीश यादव।

साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए उपायुक्त ने अधिकारियों की ली बैठक, दिए आवश्यक निर्देश।

साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए उपायुक्त अनीश यादव की अध्यक्षता में लघु सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय समन्वयक समिति बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्यक्रम को मिशन मोड में लें और अधिक से अधिक स्कूली बच्चों व आंगनवाड़ी केन्द्रों से जुड़ी किशोर लड़कियों को आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट जरूर से जरूर खिलाएं। आयु वर्ग के अनुसार बच्चों को अलग-अलग रंग की गोलियां खिलाई जाएंगी, ये आयरन की गोली पूर्णत: सुरक्षित व प्रभावशाली हैं।

भारत की भावी पीढ़ी को एनीमिया मुक्त बनाया जा सके

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशानुसार यह गोलियां स्कूलों के नोडल अधिकारी व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में खिलाई जानी है। किसी भी बच्चे को घर ले जाने की इजाजत नहीं है। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अभियान में पूरा सहयोग देकर इसको कामयाब बनाएं तथा आमजन से अपील की कि आयरन की गोली को अपने बच्चों को अवश्य खिलाएं ताकि भारत की भावी पीढ़ी को एनीमिया मुक्त बनाया जा सके।

मुख्य उद्देश्य लड़कियों को एनीमिया से बचाव करना

बैठक में सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने बताया कि इस प्रोग्राम का मुख्य उदेश्य तहत पहली से दूसरी कक्षा तक के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के बच्चों तथा 10 से 19 वर्ष की स्कूल ना जाने वाली लड़कियों को एनीमिया से बचाव करना है। उन्होंने बताया कि स्कूल हैल्थ कार्यक्रम के अन्र्तगत, साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट प्रोग्राम के तहत सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को एनीमिया मुक्त करने के लिए प्रत्येक बुधवार को छठी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को डबल्यू.आई.एफ.एस. नीली गोलियां व पहली से 5वीं कक्षा तक के बच्चों का डबल्यू.आई.एफ.एस. गुलाबी गोलियां खिलाई जा रही थी परन्तु कोरोना माहमारी के कारण स्कूल बंद होने की वजह से आशा वर्कर के माध्यम से ये टेबलेट बच्चों को घर-घर जाकर खिलाई जा रही थी। कोरोना माहमारी के बाद स्कूलों खुलने के कारण दोबारा इस प्रोग्राम को स्कूलों में शुरू किया जा रहा है और इस वर्ष से हरियाणा के 9 जिले जिसमें करनाल जिला भी शामिल है वहां पर ये प्रोग्राम प्राइवेट स्कूलों में भी शुरू किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों में खून की कमी का मुख्य कारण आयरन की कमी होते हैं, जिस कारण बच्चों के विकास में कमी आ जाती है, इसलिए हरी सब्जियों को उपयोग, गुड़ चना खाये, साफ सफाई का ध्यान रखे, खाना खाने से पहले व शौच जाने के बाद हाथ साबुन से अवश्य साफ करें ताकि एनीमिया से बचा जा सके।

बैठक में साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर ने बताया कि इस प्रोग्राम के तहत डबल्यू.आई.एफ.एस. टेबलेट को सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को स्कूल टीचर व 10 से 19 वर्ष की स्कूल ना जाने वाली लड़कियों आगंनवाडी केन्द्र पर आगंनवाड़ी वर्कर के माध्यम से प्रत्येक बुधवार को खाना खिलाने के बाद खिलाई जायेगी। यह आयरन की गोली को खाली पेट ना दे, इस गोली से पहले दूध व दूध से बने प्रदार्थ ना खिलाये, इस गोली को बच्चों को अपने सामने खिलाएं।

एनीमिया के लक्षण

सिविल सर्जन ने बताया कि अनीमिया के मुख्य लक्षणों में चक्कर आना , कमजोरी, थकान और कम उर्जा, असामान्य तेज धड़कन, विशेष रूप से व्यायाम के दौरान, सांस लेने में तकलीफ, रोग प्रतिरोधक शक्ति का कम होना और पढाई में ध्यान ना लगना तथा बच्चों के विकास में बाधा आना है।

आयरन की गोली खाने के फायदे

सिविल सर्जन ने बताया कि एनीमिया की गोली लेने के फायदों के बारे में बताया कि इन गोलियों को लेने से बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार, रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृिद्ध होती है तथा सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है।

ये रहे उपस्थित

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त डा. वैशाली शर्मा, एसडीएम घरौंडा प्रदीप सिंह, करनाल के एसडीएम अनुभव मेहता, असंध के एसडीएम मनदीप कुमार, इंद्री के एसडीएम राजेश पुनिया, एसीयूटी विवेक आर्य, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया, जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहताश वर्मा, उप सिविल सर्जन डॉ. नीलम, डॉ. कैलाश, डॉ. शीनु, डॉ. अनु डॉ. अमन, चिकित्सा अधिकारी डॉ. मंजीत, जिला प्रोग्राम मैनेजर मृदुला, जिला आशा कोर्डिनटर संजीव तथा कांउसलर गुरजीत कुमार ने भाग लिया। इस दौरान शिक्षा विभाग, आई.सी.डी.एस विभाग, पंचायती राज विभाग, आई.एम.ए. प्रतिनिधि, प्राइवेट स्कूल यूनियन प्रधान, एविडेंस एक्शन तकनीकी सहयोगी उपस्थित रहे।

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