Iraq Marriage Law Amendment (आज समाज, नई दिल्ली): इराक में एक नया कानून प्रस्तावित है। अगर यह लागू हो जाता है तो महिलाओं के शादी की उम्र 9 साल हो जाएगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को तलाक, बच्चों की कस्टडी और विरासत के अधिकार से वंचित करने के लिए भी संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं।
शिया पार्टियों के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का कहना है कि संशोधन इस्लामी शरिया कानून की व्याख्या के अनुरूप है। इसका उद्देश्य लड़कियों को ‘अनैतिक संबंधों’ से बचाना है।
यह कदम इराक के पुराने “व्यक्तिगत स्थिति कानून” (कानून 188) को बदलने के लिए उठाया जा रहा है, जो 1959 में लागू हुआ था और इसे उस समय मध्य पूर्व का सबसे प्रगतिशील कानून माना जाता था।
हालांकि, इस प्रस्ताव पर इराकी महिलाओं और कई मानवाधिकार संगठनों से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। पिछले प्रयासों (2014 और 2017 में) के समय भी इराकी महिलाओं ने इस तरह के संशोधनों का विरोध किया था, और वे असफल हो गए थे। इस बार, शिया दलों के गठबंधन का संसदीय बहुमत होने के कारण यह संशोधन सफल होने की संभावना ज्यादा दिख रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस्लामवादी समूह इस बदलाव के जरिए अपनी शक्ति और वैचारिक वैधता को पुनः स्थापित करना चाहते हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में कमजोर हो रही थी।