जयपुर: राजस्थान के एक आईपीएस अफ़सर मनीष अग्रवाल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ़्तार कर लिया है. साल 2010 बैच के आईपीएस अफ़सर मनीष अग्रवाल पर दौसा ज़िले में पुलिस अधीक्षक रहते हुए रिश्वत मांगने का आरोप है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पिछले दिनों एक पेट्रोल पम्प के मालिक नीरज मीणा को गिरफ़्तार किया था. नीरज मीणा दौसा में राष्ट्रीय राजमार्ग का काम करने वाले ठेकेदारों से चार लाख रुपए मासिक बंधी वसूल रहा था. मीणा इन ठेकेदारों को उनके ख़िलाफ़ दर्ज मामलों को रफ़ा दफ़ा करने की एवज में ये बंधी वसूल रहा था
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने नीरज मीणा की गिरफ़्तारी के बाद जांच पड़ताल की तो सामने आया कि वो ये वसूली दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल से मिली भगत कर मांगता था. जांच आगे बढ़ी तो खुलासा हुआ कि नीरज मीणा कुल 38 लाख की वसूली कर चुका है. मामले में एक आईपीएस के शामिल होने की पुख़्ता सूचना और सबूत मिलने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पहले आईपीएस मनीष अग्रवाल का मोबाइल फ़ोन ज़ब्त किया और उसे अनलॉक किया इस आई फ़ोन से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को मामले में खुद मनीष अग्रवाल के शामिल रहने की जानकारी मिली. दलाल नीरज मीणा की गिरफ़्तारी के दो सप्ताह बाद इस रिश्वत मामले की कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मनीष अग्रवाल को भी गिरफ़्तार कर लिया गया. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक भगवान लाल सोनी ने बताया कि ब्यूरो के सीनियर अफ़सर दिनेश एम एन के नेतृत्व में मनीष अग्रवाल के घर और दूसरे ठिकानों की तलाशी ली जा रही है आईपीएस मनीष अग्रवाल से पूछताछ की जा रही है और उन्हें अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. अग्रवाल 38 साल के हैं और मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. दौसा और बाड़मेर में पुलिस अधीक्षक के अलावा वो राज्य के पुलिस बेड़े में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं.