राम मंदिर के निर्माण की ताराीख पांच अगस्त तय की गई है। इसके लिए मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूमि पूजन के लिए आमंत्रित किया गया है जिसकी स्वीकृति पीएमओ की तरफ से दे दी गई है। हालांकि पीएम के भूमि पूजन में शामिल होनेका विरोध लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं। रामलला मंदिर के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का विरोध किया है। ओवैसी ने पीएम मोदी के भूमि पूजन में शामिल होने को संविधान से जोड़ते हुए इसका विरोध किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का रामलला मंदिर के लिए अयोध्या दौरे पर जाना प्रधानमंत्री के संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा कि देश के संविधान का महत्वपूण हिस्सा है धर्मनिरपेक्षता। बता दें कि पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण कार्य की शुरूआत होगी। इस कार्यक्रम को भव्य बनाया जा रहा है। हालांकि कोरोना वायरस केकारण कार्यक्रम में केवल दो सौ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा। एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी नेपीएम मोदी के भूमि पूजन में शामिल होने को लेकर ट्वीट किया और कहा कि भूमि पूजन में शामिल होना उनके संवैधानिक पद की शपथ का उल्लंघन है। धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। साथ ही ओवैसी ने यह भी लिखा कि बाबरी मस्जिद 400 सालों से अयोध्या में खड़ी थी लेकिन 1992 में इस मस्जिद को एक आपराधिक भीड़ ने ढहा दिया था।