Panipat Murti Pran Pratistha Utsav 3rd Day : जब जीव की आत्मा में परमात्मा आ जाए उसका नाम ही संकीर्तन है : श्रीनाथ महाराज

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Panipat Murti Pran Pratistha Utsav 3rd Day
  • तीसरे दिन संपन्न हुआ आवाहित देवता पूजन
Aaj Samaj (आज समाज),Panipat Murti Pran Pratistha Utsav 3rd Day, पानीपत: सनातन धर्म मंदिर मॉडल टाउन पानीपत में चल रहे मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तीसरे दिन आवाहित पूजन कार्य किया गया। कलश यात्रा एवं बेदी पूजन के बाद यह कार्य किया जाता है। इस अवसर पर मुख्य यजमान तरुण, गौरव गोयल, विनय खूंगर एवं विनोद धमीजा रहे, जिन्होंने पूजा अर्चना के साथ यह कार्यक्रम संपन्न कराया। इस अवसर पर दाऊजी महाराज, राधे राधे महाराज एवं पंडित वेद पाराशर भी उपस्थित रहे जिन्होंने अपनी सत्संग वाणी से श्रद्धालुओं को मंत्र मुक्त कर दिया। श्रीनाथ महाराज ने कहा कि संकीर्तन का अर्थ केवल मात्र नाचने गाने से नहीं है, जब जीव की आत्मा भीग जाए एवं उसे परमात्मा के ज्ञान हो जाए उसी का नाम संकीर्तन है। आजकल लोग केवल मात्र डीजे लगाकर दरबारों में नाचते गाते दिखाई देते हैं, वह संकीर्तन नहीं है। जब परमात्मा हृदय में उतर जाए आत्मा में उतर जाए वह संकीर्तन है एवं भक्ति है।
Panipat Murti Pran Pratistha Utsav 3rd Day

25 जनवरी तक चलेगा मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 

उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म मॉडल टाउन में 19 जनवरी से 25 जनवरी तक मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें कलश यात्रा एवं बेदी पूजन संपन्न हो चुके हैं। रविवार को तीसरे दिन आवाहित देवता पूजा का कार्यक्रम हुआ, जिसमें मूर्तियों को जलाभिषेक कराया जाता है एवं भोजन कराया जाता है एवं मत्रों के माध्यम से मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। मंदिर के प्रधान तरुण गांधी ने आने वाले सभी श्रद्धालु जनों का यजमानों का हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट किया, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाया।

पूरे उत्तरी भारत में ऐसा मंदिर कहीं नहीं बना

श्रीनाथ महाराज ने कहा कि मंदिर के प्रधान तरुण गांधी बधाई के पात्र हैं, क्योंकि पूरे उत्तरी भारत में ऐसा मंदिर कहीं नहीं बना। उन्होंने कहा अक्सर लोग पानीपत से बाहर के मंदिरों को देखने जाते हैं अब पानीपत के लोग बाहर से इस मंदिर को देखने के लिए आएंगे। उन्होंने मंदिर के प्रधान तरुण गांधी को बधाई दी एवं शुभकामनाएं दी, ताकि वह भविष्य में भी इस मंदिर को और ऊंचाइयों तक लेकर जाएं। कार्यक्रम में मंदिर के सभी सेवादार एवं सदस्य उपस्थित रहे, जिनके कारण यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक एवं व्यवस्थित ढंग से हो रहा है।