कहा, विनिर्माण आधारित विकास के लिए मजबूत आधार तैयार
Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्तमान में अमेरिका के दौरे पर हैं। इस दौरे के दौरान भारतीय वित्त मंत्री अमेरिका में कई कार्यक्रमों में भाग लेंगी। एसी कड़ी में वित्त मंत्री सैन फ्रांसिस्को में एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए भारत की आने वाले वर्षों में तेज आर्थिक विकास दर पर प्रकाश डाला।
वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर महत्वपूर्ण जोर देने से पिछले 10 वर्षों में निवेशकों का विश्वास मजबूत हुआ है और विनिर्माण आधारित विकास के लिए मजबूत आधार तैयार हुआ। सीतारमण ने कहा कि 2017-18 और 2025-26 के बजट के बीच केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में चार गुना से अधिक की वृद्धि से यह संभव हुआ। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से व्यवसाय सुधार से जुड़ी कार्य योजना के क्रियान्वयन के हमारे अनुभव ने यह जाहिर किया है कि विनियमन में ढील औद्योगिक विकास के लिए एक शक्तिशाली उत्प्रेरक है।
हमें साहसिक सुधारों की जरूरत
वित्त मंत्री ने कहा कि आगे बढ़ते हुए, भारत की विकास गति को बनाए रखने के लिए साहसिक सुधारों और बदलते वैश्विक परिदृश्य के अनुरूप अनुकूलनीय रणनीतियों के नए दृष्टिकोण की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगले दो दशकों में भारत की विकास गति को बनाए रखने के लिए साहसिक सुधारों, मजबूत घरेलू क्षमताओं, नई संस्थागत साझेदारियों और उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल दृष्टिकोण की आवश्यकता है।” भारत ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है। इस साल देश ब्रिटिश शासन से अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा।
विकसित भारत बनने की तरफ हम अग्रसर
2047 तक भारत को विकसित बनाने की यात्रा केवल एक आकांक्षा या सपना नहीं है, बल्कि एक साझा राष्ट्रीय मिशन है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगले दो दशक में सतत वृद्धि के लिए भारत की कोशिशें एक नए आदर्श पर टिकी है। यह साहसिक सुधारों, बढ़ी हुई घरेलू क्षमताओं और उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल रणनीतिक संस्थागत सहयोग पर आधारित है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया के हूवर इंस्टीट्यूशन में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दो केंद्रीय बजटों ने सभी क्षेत्रों में एक स्पष्ट नीति और एजेंडे के साथ बदलाव का आधार तैयार किया है। वित्त मंत्री के अनुसार, पिछले दशक में सरकार ने संरचनात्मक सुधार किए हैं। 20,000 से अधिक नियमों को युक्तिसंगत बनाया गया है। व्यापार से जुड़े कानूनों को अपराधमुक्त किया गया है और टकराव को कम करने के लिए सार्वजनिक सेवाओं का डिजिटलीकरण किया गया है।
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