Rohtak News : जांच एजेंसियां कांग्रेसी विधायकों को निशाना बनाने में व्यस्थ: दीपेंद्र सिंह हुड्डा

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दीपेंद्र सिंह हुड्डा
दीपेंद्र सिंह हुड्डा

Rohtak News (आज समाज) रोहतक: केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत व इकोग्रीन कंपनी के बीच चल रहे विवाद में रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुटकी ली है। रोहतक के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि एक ओर हरियाणा से केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा सांसद गुरुग्राम में मौजूदा सरकार-प्रशासन द्वारा किए गए 350 करोड़ के घोटाले की केन्द्रीय जांच एजेंसियों द्वारा जांच की मांग कर रहे हैं। तो दूसरी ओर केंद्रीय जांच एजेंसिया हरियाणा के कांग्रेसी विधायकों को निशाना बनाने में व्यस्थ हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत ने इको ग्रीन कंपनी के खिलाफ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कंपनी को हुए 350 करोड़ रुपए के भुगतान पर सवाल उठाए और इसकी जांच सीबीआई या किसी केंद्रीय एजेंसी से करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि निगम की ओर से कंपनी को कूड़ा उठाने के लिए तय शर्तों से 3 गुणा तक अधिक भुगतान किया है। उन्होंने इस पूरे मामले में कंपनी के साथ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत होने की भी आशंका जाहिर की है। हालांकि नायब सरकार विवाद बढ़ने के बाद कंपनी के साथ हुए एग्रीमेंट को रद्द भी कर चुकी है। मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा हुआ है। नायब सिंह सैनी को लिखे पत्र में राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम नगर निगम के कई पार्षदों की ओर से की गई शिकायत का भी जिक्र किया है। उनका कहना है कि निगम की ओर से कंपनी को कूड़ा उठाने के लिए तय शर्तों से तीन गुणा तक अधिक भुगतान किया है। उन्होंने इस पूरे मामले में कंपनी के साथ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत होने की आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इको ग्रीन कंपनी के साथ हुए एग्रीमेंट में यह तय हुआ था कि कंपनी को एक हजार रुपए प्रति टन कूड़ा उठाने के लिए भुगतान होगा। 2017 से 2019 तक इसी दर के साथ भुगतान किया गया। 2019 के कंपनी के साथ हुए एग्रीमेंट को इस शर्त के साथ आगे बढ़ाया गया कि कंपनी 333 रुपए प्रति टन के हिसाब से अपने बिल जमा करवाएगी। लेकिन निगम की ओर से कंपनी को इस अवधि के बाद भी 1000 रुपए प्रति टन कूड़े के हिसाब से भुगतान किया गया। यह भुगतान 2019 से 2023 तक हुआ। उनका आरोप है कि इस मामले में सैकड़ों करोड़ रुपये का गोलमाल हुआ है। कंपनी और सरकार के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत कंपनी को कूड़े से बिजली बनाने का प्लांट भी लगाना था। स्थिति यह है कि गुरुग्राम में कंपनी ने आज तक भी प्लांट नहीं लगाया है। राव इंद्रजीत सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि शर्तें पूरी नहीं होने के बाद भी इको ग्रीन कंपनी को 350 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इतना पैसा देने के बाद भी शहर में साफ-सफाई नहीं हो सकी।