संजीव कुमार, रोहतक:
डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि जल्द ही राज्य पुनर्वास, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (सिरतार) में बौद्धिक दिव्यांगता की जांच परीक्षण के लिए हस्तक्षेप केंद्र खोला जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार की 5 वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक में हस्तक्षेप केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है और बैठक में लिए गए सभी फैसलों को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि 5 से 6 वर्ष आयु के बौद्धिक दिव्यांग बच्चों की जांच हस्तक्षेप केंद्र में की जाएगी। इस जांच के आधार पर ही ऐसे बच्चों को उपचार देने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि सिरतार परिसर में संवेदी एकीकरण इकाई (एसआईयू) भी स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस इकाई को स्थापित करने का मकसद यही है कि दिव्यांग बच्चों की सभी ज्ञानेंद्रियों का अधिक से अधिक उपयोग हो सके।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि संस्थान में आने वाले सभी बौद्धिक दिव्यांग बच्चों की शिक्षा अब निशुल्क कर दी गई है। पहले केवल बीपीएल व अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले परिवारों के बच्चों को ही निशुल्क शिक्षा दी जाती थी। अन्य श्रेणी के बच्चों से पंजीकरण शुल्क, मासिक शुल्क व हॉस्टल फीस ली जाती थी। लेकिन अब सभी के लिए इसे निशुल्क कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि संस्थान में 150 बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। संस्थान में जेबीटी, बीएड, पीजीटी, आरपी सहित अन्य पाठ्यक्रमों की विशेष शिक्षा देने का प्रावधान है।
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