नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को पत्रकारों को जम्मू-कश्मीर के हालात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां जान माल की हानि न हो इसके लिए एहतियातन प्रतिबंध लगाए गए हैें। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की पहचान और संस्कृति सुरक्षित रहेगी। कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद राज्यपाल मलिक पहली बार संवाददाता सम्मेलन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रविरोधी ताकतों के लिए इंटरनेट एक आसान हथियार है तथा कनेक्शनों की बहाली कुछ और समय तक स्थगित रहेगी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट से झूठ फैलाया जा रहा है लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। इस कारण से कुछ दिन और अभी इंटरनेट बंद रहेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि कश्मीर घाटी में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने पेलेट गन का इस्तेमाल किया। लोगों को चोट न पहुंचे, इसके लिए अत्यंत सावधानी बरती गई। राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि अगले तीन महीनों में राज्य में 50 हजार नौकरियां उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि हम कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जिलों में मोबाइल फोन कनेक्टिविटी खोल रहे हैं और जल्द ही अन्य जिलों में भी कनेक्टिविटी खोलेंगे। इसके साथ ही आने वाले दो से तीन महीनों में राज्य में विभिन्न विभागों में 50 हजार पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। जम्मू कश्मीर में यह सबसे बड़ा भर्ती अभियान होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र जम्मू कश्मीर पर जल्द ही कोई ‘बड़ी घोषणा करेगा। मलिक ने संवाददाताओं से कहा, ”राजनीतिक नेताओं की हिरासत को लेकर दुखी न हों, यह उनके राजनीतिक करियर में मदद करेगी। इससे पहले आज सरकार ने दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख- में विकास, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को देखने के लिए बुधवार को एक मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया। जम्मू कश्मीर और लद्दाख, केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे। केंद्र ने गत पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला किया था।