International Surajkund Crafts Fair अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में पर्यटकों को दी जा रही कानूनी जानकारी

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International Surajkund Crafts Fair

International Surajkund Crafts Fair अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में पर्यटकों को दी जा रही कानूनी जानकारी

प्रवीण वालिया, करनाल :

International Surajkund Crafts Fair : 35वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला भारतीय लोक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को मनाने के लिए एक कारगर माध्यम साबित हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला पखवाड़े के दौरान लाखों की संख्या में आगंतुकों को आकर्षित कर रहा है, जिसमें हजारों विदेशी आगंतुक भी शामिल हैं। सूरजकुंड मेला दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला है जो भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक ताने-बाने की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करता है।

सामाजिक कानूनी मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए टीम को प्रोत्साहित

गत दिवस सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश-सह-कार्यकारी अध्यक्ष उदय उमेश ललित (राष्टï्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण) की पत्नी अमिता उदय उमेश ललित ने सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में हालसा द्वारा स्थापित स्टॉल का दौरा किया और कानूनी सहायता की उपलब्धता के बारे में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक कानूनी मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए टीम को प्रोत्साहित किया। (International Surajkund Crafts Fair) उन्होंने बातचीत करते हुए कहा कि मेला बड़े पैमाने पर कानूनी जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष सूरजकुंड मेले में हालसा द्वारा स्थापित स्टाल की थीम बालिका है। उन्होंने चुने गए विषय की सराहना की और कहा कि इसे ध्यानपूर्वक चुना गया है क्योंकि यह बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और उनकी शिक्षाए स्वास्थ्य और पोषण के महत्व को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

स्टॉल 4 अप्रैल तक रहेगा चालू

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने 35वें अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए एक स्टॉल भी लगाया है। (International Surajkund Crafts Fair) स्टॉल का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फरीदाबाद के पैनल एडवोकेट और पैरालीगल वालंटियर्स द्वारा किया जा रहा है, यह स्टॉल 4 अप्रैल तक चालू रहेगा। आम जनता को उनके कानूनी अधिकारों को जानने में मदद करने के लिए उक्त स्टॉल पर पैनल वकीलों और पैरालीगल वालंटियर्स की प्रति नियुक्ति की जाती है। उक्त स्टॉल पर वहीं आवेदन फॉर्म भरवाकर कानूनी सहायता प्रदान की जा रही है।

मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार

इसके बाद उन्होंने लड़कियों के अधिकारों के विषय पर हालसा द्वारा डिजाइन और तैयार किए गए एक पोस्टर का उद्घाटन किया। पोस्टर का उद्देश्य लड़कियों के कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है जैसे मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, बाल विवाह के खिलाफ अधिकार, परिवार के अपमानजनक सदस्यों के खिलाफ अधिकार, संपत्ति का अधिकार, कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ के खिलाफ अधिकार, समान वेतन का अधिकार, थाने में न बुलाने का अधिकार, कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार जागरूक करना है।

पुस्तिका सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण

इसके उपरांत उन्होंने एक कहानी के रूप में एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) पर एक पुस्तिका का भी उद्घाटन किया। यह पुस्तिका सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य आपराधिक कानून को गति प्रदान करना है। बुकलेट में प्राथमिकी दर्ज करने के सभी प्रावधानों और उद्देश्यों के बारे में बताया गया है और यह भी बताया गया है कि प्राथमिकी कैसे पुलिस थाने के प्रभारी पुलिस अधिकारी को अपराध की जांच शुरू करने और जल्द से जल्द सबूत एकत्र करने में सक्षम बनाती है। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक कानूनी मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल और कॉलेज के बच्चों द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फरीदाबाद के समन्वय से मुख्य मंच के साथ-साथ इस प्राधिकरण द्वारा स्थापित स्टॉल पर नाटक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी प्रदर्शन किया गया।

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