Aaj Samaj (आज समाज), International No Tobacco Day, चंडीगढ़: आज अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस है और इस मौके पर हमेशा की तरह आज भी देशभर में लोगों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा। हरियाणा व पंजाब स्वास्थ्य विभाग भी तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान से लोगों को अवगत करवाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, हरियाणा में हर वर्ष औसतन 800 के करीब कैंसर के नए केस सामने आ रहे हैं।
दुनिया भर के 12 फीसदी धूम्रपान करने वाले भारत में
तंबाकू के अधिक सेवन के चलते ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। उधर पंजाब सेहत विभाग ने 13000 पंचायतों को तंबाकू के सेवन से बचने या इसे न बेचने का संकल्प दिलाने का निर्णय लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार भारत में तंबाकू के सेवन से हर साल 10 मिलियन से ज्यादा मौतें होती हैं। दुनिया भर के 12 फीसदी धूम्रपान करने वाले भारत में रहते हैं।
- 2020-2022 के बीच हरियाणा में 888 लोगों की कैंसर से मौत
- भारत में तंबाकू के सेवन से हर साल 10 मिलियन से ज्यादा मौतें
- पंजाब हुक्का बार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला देश का दूसरा राज्य
हरियाणा : 100 में से 30 मरीजों में कैंसर का कारण तंबाकू
हरियाणा में हर वर्ष सामने आने वाले औसतन 800 के करीब कैंसर के नए मामलों में से हर 100 मरीजों में से 30 मरीजों में कैंसर का कारण तंबाकू है। इन केसों में मुंह, जीभ और फेफड़ों के कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं। राष्टÑीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 29.1 फीसदी पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें तंबाकू, सिगरेट, हुक्का, गुटखा और खैनी जैसे नशीले पदार्थ शामिल हैं। इसके मुकाबले, देश में 38 प्रतिशत पुरुष तंबाकू आदि नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं।
2020 से 2022 तक कैंसर के इतने मरीज बढ़े
इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 2020 से 2022 तक कैंसर के 1632 मरीज बढ़े हैं। इनमें स्तन, मुंह व गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के अधिक मामले सामने आए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 2020 में हरियाणा में 29,219 कैंसर के केस दर्ज किए गए थे। इसके बाद 2022 में कैंसर के 1632 केस बढ़ने के साथ 30851 मामले दर्ज किए गए। खास चीज यह है कि नए केसों के साथ साथ कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। 2020-2022 के बीच हरियाणा में 888 लोगों की कैंसर से मौत दर्ज की गई है।
तंबाकू के दुष्प्रभाव
- मोतियाबिंद
- दांत में सड़न
- बालों का झड़ना
- दिल की बीमारी
- विकृत शुक्राणू
- बदरंग उंगलियां
- फेफड़ों का कैंसर
- पेट का अल्सर
तंबाकू को छोड़ कैंसर से बचा जा सकता है
तंबाकू का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर हो रहा है। यह फेफड़ों को कमजोर कर रहा है। ओपीडी में प्रतिदिन कई मरीज सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर आ रहे हैं और इस सबका कारण तंबाकू का सेवन है। इनमें से ही कैंसर के मरीज भी सामने आ रहे हैं। तंबाकू छोड़ इस बीमारी से बचा जा सकता है। -डॉ. अभिनव डागर, फेफड़े रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कालेज करनाल।
पंजाब : 739 तंबाकू मुक्त हुए, सेवन करने व बेचने पर होगा जुर्माना
पंजाब जल्द तंबाकू मुक्त होगा। राज्य का सेहत विभाग आज से 31 जुलाई तक 13 हजार से अधिक पंचायतों के तहत आने वाले गांवों के लोगों को तंबाकू का सेवन न करने व इसे न बचेने का संकल्प दिलाएगा। तंबाकू का सेवन करने वालों और बेचने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। राज्य के 739 गांव तंबाकू मुक्त हो चुके हैं।
तंबाकू नहीं बल्कि भोजन की आवश्यकता
एक शहर भी तंबाकू मुक्त है। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें तंबाकू नहीं बल्कि भोजन की आवश्यकता है। यह थीम पूरे राज्य में गूंजेगा। पंजाब हुक्का बार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला देश का दूसरा राज्य है। तंबाकू की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने के साथ-साथ कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। धूम्रपान की वजह से रक्त, ब्लैडर, सर्विक्स, फेफड़ों, लिवर, गुर्दे, ग्रसनी, पैनक्रियाज, मुंह, गले, लेरिंक्स, किडनी, कोलन, रेक्टम, पेट का कैंसर भी हो सकता है।
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