पीजीआईएमएस में अंर्तराष्ट्रीय कोर्स होना गर्व की बात है: कुलपति International Course In PGIMS

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International Course In PGIMS
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संजीव कौशिक, रोहतक:
International Course In PGIMS : किसी भी विश्वविद्यालय के लिए यह बड़े ही गर्व की बात होती है कि उनके यहां पर किसी अंर्तराष्ट्रीय स्तर के कोर्स का संचालन होता हो। पीजीआईएमएस में कोर्स निदेशक डा. प्रशांत कुमार और कोर्स कंसलटेंट डॉ. कुंदन मित्तल की ओर से संस्थान में इस कोर्स के संचालन करवाने से संस्थान के चिकित्सकों को बहुत फायदा मिलेगा।

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दो दिवसीय सीएमई कोर्स का शुभारंभ (International Course In PGIMS)

यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना का। वे निश्चेतन विभाग में शुरू हुए दो दिवसीय सीएमई फंडामेंटल क्रिटिकल केयर स्पोर्ट (एफसीसीएस) कोर्स के औपचारिक शुभारंभ के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुई थीं। चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना ने कहा कि इस कोर्स में जो अलग-अलग विभागों के चिकित्सक हिस्सा ले रहे हैं, उससे आपस में एक समन्वय पैदा होता है। उन्होंने कहा कि बीमारी की पहचान से पहले प्राथमिक केयर बहुत महत्वपूर्ण होती है। डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि एक प्राइमरी फिजिशियन का मरीज की जान बचाने में अहम रोल होता है।

समय-समय पर होने चाहिए कोर्स (International Course In PGIMS)

उन्होंने कहा कि हमें इस प्रकार के कोर्सों का समय-समय पर संस्थान में आयोजन करते रहना चाहिए। डा.अनीता सक्सेना ने कहा कि हर चिकित्सक को वेंटीलेटर चलाने की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि निदेशक डॉ.एसएस लोहचब ने कहा कि हमारा प्रयास है कि संस्थान में टीचिंग, ट्रेनिंग के लिए किसी संसाधन की कमी ना रहे। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को टेÑंड करने के लिए संस्थान 2 अलग-अलग स्किल लैब तैयार कर रहा है और एक स्किल लैब तो तैयार भी हो चुकी है। डॉ. लोहचब ने कहा कि इससे डाक्टर को लगातार प्रभावी ढंग से टेÑनिंग प्रदान करने में काफी मदद मिलेगी।

यहां पर भी लाए जाएंगे स्पेशिलिटी कोर्स (International Course In PGIMS)

कोर्स कंसलटेंट डॉ. कुंदन मित्तल ने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस तरह के विभिन्न स्पेशिलिटी के कोर्स यहां ला सकें। डॉ. कुंदन मित्तल ने चिकित्सकों को विस्तार से कृत्रिम अंगों पर समझाया कि हमें पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर कैसे करनी होती है और हमें उस समय क्या सावधानी रखनी होती है, वहीं बच्चों का वेंटिलेटर किस प्रकार लगाया जाता है। डॉ. कुंदन मित्तल ने बताया कि वें इस कोर्स के अंर्तराष्ट्रीय सलाहकार हैं। उन्होंने बताया कि अन्य देशों में जहां यह कोर्स होता है, वहां इसकी फीस करीब 200 डॉलर है और उन्होंने संस्थान के विद्यार्थियों के लिए फ्री स्पोंशरशिप करवाई है ताकि अधिक से अधिक चिकित्क प्रशिक्षित होकर प्रदेश की जनता की सेवा कर सकें।

कोर्स में हिस्सा लेना प्रतिभागियों के लिए अनुभव (Latest Rohtak News)

कोर्स निदेशक डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि इस प्रकार के कोर्स में हिस्सा लेना प्रतिभागियों के लिए एक नया अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि गु्रप में चीजों को बारिकी से समझा व सांझा किया जा सकता है। डॉ. प्रशांत ने कहा कि कोर्स में कई टीमों का गठन किया गया है। इससे आपस में विभिन्न विभागों के चिकित्सकों में एक टीम भावना आती है और हमारे अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। निश्वेतन विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश सिंघल ने बताया कि उनका विभाग समय-समय पर इस प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करते रहता है। इस अवसर पर डॉ. दीपक जैन, डा. किरणप्रीत, डॉ. सविता सिंघल, डॉ. ममता भारद्वाज, डॉ. वंदना, डॉ. वरुण, डॉ. सीमंत झा सहित करीब 50 प्रतिभागी उपस्थित थे।

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