- हकेवि समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने किया संबोधित
Aaj Samaj (आज समाज), International Conference By Education, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
कोरोना महामारी के बाद विश्व पटल पर सामने आए महत्त्वपूर्ण विषयों और चुनौतियों को लेकर निरंतर चिंतन-मंथन का दौर जारी है। आर्थिक विकास, शिक्षा व वैश्विक स्तर पर राजनैतिक व रणनीतिक बदलावों के इसी प्रभाव को जानने-समझने और उनके अनुरूप भविष्य की राह तलाशने हेतु जैन डिम्ड यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर रिसर्च इन सोशल साइंसेस एंड एजुकेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़; कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस और कल्याणी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगााल के संयुक्त तत्वावधान में बैंगलुरु में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने विस्तार से चिंतन-मंथन किया।
कोरोना महामारी के बाद वैश्विक पटल पर बदली भारत की भूमिका, जी20 के घोषणा पत्र, महामारी के बाद विश्व के लिए भारत के कदम, जियो पोलिटिक्स एंड ग्लोबल ऑर्डर, पेंडमिक एंड द स्टेट ऑफ डेमोक्रेसी, भारत व उसके पड़ोसियों के संदर्भ में, महामारी के बाद सामाजिक आर्थिक विकास की नीति, मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और जलवायु परिवर्तन, विस्थापन तथा कला व साहित्य सरीखे महत्त्वपूर्ण विषयों पर देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़े प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने सहसंरक्षक की भूमिका निभाई और आयोजन के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। प्रो. यादव ने सम्मेलन से लौटने के पश्चात विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार से मुलाकात की और उन्हें इस अंतर्राष्ट्रीय आयोजन में हुए विमर्श की जानकारी दी। प्रो. सुषमा यादव ने बताया कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित सम्मेलन में वैश्विक महामारी ‘कोरोना‘ और उसके विश्व समुदाय पर हुए प्रभाव को लेकर विभिन्न स्तरों पर चर्चा हुई। जिसमें इसके प्रभाव से बदली परिस्थितियों और भविष्य में आवश्यक बदलावों व निदान की दिशा में सभी प्रतिभागियों ने अपना मत व्यक्त किया।
प्रो. सुषमा यादव ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद बदली परिस्थितियों के मद्देनजर इस आयोजन में शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन, विश्व समुदाय के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर संवाद किया गया। प्रो. यादव ने बताया कि अवश्य ही यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महामारी के बाद बदली विश्व की परिस्थितियों को समझने और उससे जुड़ी चुनौतियों के निदान में मददगार साबित होगा। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि आज के समय में शिक्षण संस्थान होने के नाते शिक्षा व्यवस्था में सुधार से लेकर विभिन्न स्तर पर नीति निर्धारण में विश्वविद्यालय की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो जाती है। अवश्य ही इस तरह के आयोजन सकारात्मक समाधान में मददगार साबित होंगे।
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