11 राज्यों के 50 से अधिक जिलों में चल रहे अंतरराज्यीय ड्रग गिरोह का पर्दाफाश : डीजीपी
– कहा ‘आगरा गैंग’ 10-12 करोड़ की नशीले दवाएं हर माह पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में भेज रहा था
-बोले 27,62,137 नशीली गोलियां, कैप्सूल, टीके और सिरप बोतलों सहित 70,03,800 रुपए की ड्रग मनी जब्त, 20 गिरफ्तार
चंडीगढ़
देशभर में फार्मास्यूटीकल ओपिओड की सप्लाई संबंधी बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस ने 11 राज्यों के 50 से अधिक जिलों में हवाला चैनल रूट के प्रयोग के जरिए चल रहे एक अंतरराज्यीय ड्रग कारटेल का पर्दाफाश किया है। यह जानकारी देते हुए पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि आठ हफ्तों से अधिक समय तक चलाई गई इस मुहिम में 20 व्यक्तियों को पहले ही नशे की बड़ी खेप, ड्रग मनी और पांच वाहनों के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस संबंधी और विवरण देते हुए डीजीपी ने बताया कि ‘आगरा गैंग’ के तौर पर जाना जाता यह ड्रग कारटेल, भारी मात्रा में नशीले पदार्थों को देशभर में फैले ड्रग निर्माता, सप्लायर, थोक विक्रेता और परचून कैमिस्ट से लेकर देशभर के बाजारों में भेज रहा था। अब तक गिरफ्तार किए गए 20 लोगों में से 16 पंजाब, 2 यूपी और एक-एक हरियाणा व दिल्ली से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि इस गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी से नशा सिंडिकेट के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जो कि 10-12 करोड़ की नशीली दवाएं, गोलियां/कैप्सूल/टीके/सिरप के रूप में हर माह पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में भेज रहा था। इससे देश के हजारों नौजवानों की जिंदगी तबाह होने से बच गई।
इस गिरोह का बरनाला पुलिस टीम ने पर्दाफाश किया है, जिसमें एसएसपी बरनाला संदीप गोयल की निगरानी अधीन काम कर रहे डॉ. प्रज्ञा जैन, एएसपी महल कलां, सुखदेव सिंह विर्क एसपी (डी), रमनिंदर सिंह देयोल डीएसपी (डी), इंस्पेक्टर बलजीत सिंह इंचार्ज सीआईए शामिल थे। गिरोह के प्रमुख सहित 20 व्यक्तियों की गिरफ्तारी पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के अलग-अलग स्थानों से की गई। गुप्ता ने बताया कि उनके पास से 27,62,137 नशीली गोलियां, कैप्सूल, टीके और सिरप की बोतलें बरामद की गई हैं। इसके अलावा 70,03,800 रुपए ड्रग मनी भी बरामद हुई है।
डीजीपी ने बताया कि बरनाला पुलिस ने मार्च, 2020 में इसी तरह मथुरा गैंग का पर्दाफाश किया गया और 44 लाख के नशीले पदार्थ व 1.5 करोड़ रुपए ड्रग मनी जब्त की थी। मई में बलविंदर सिंह उर्फ निक्का और चार अन्यों की 2,85,000 नशीली गोलियों (टैब कलोवीडोल) समेत गिरफ्तारी से इस मामले से पर्दा उठना शुरू हुआ था। इसके बाद जुल्फिकार अली को 12,000 नशीली गोलियों के साथ (टैब कलोवीडोल) गिरफ्तार किया गया। गुप्ता ने बताया कि जुल्फिकार से पूछताछ के बाद हरीश की भूमिका का खुलासा हुआ, जो कि पंजाब में फार्मास्यूटीकल ओपीओडज की आमद और सप्लाई के मास्टरमाइंडस में से एक है।
इन गिरफ्तारियों के बाद, बरनाला पुलिस ने जांच, निगरानी योजनाएं तैयार करने में दो महीने बिताए और फिर एक जाल बिछाया गया, जिसके बाद एक विशेष टीम पश्चिमी बंगाल भेजी दी, जहां से हरीश को पकड़ा गया। डीजीपी ने कहा कि हरीश ने इस गिरोह की साजिशें घडऩे के तरीके और पंजाब समेत देश के 11 से अधिक राज्यों में सायकोट्रोपिक ड्रग्स की सप्लाई चेन संबंधी खुलासा किया। इस संबंधी मामला पुलिस थाना सिटी बरनाला में दर्ज किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब में छापेमारी की गई, जिससे बड़ी संख्या में फार्मास्यूटीकल नशीले पदार्थ, ड्रग मनी और वाहन जब्त किए गए।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि गिरोह के काम करने के ढंग तरीके संबंधी अब तक की गई जांच से पता लगा है कि हरीश डॉक्टरी प्रतिनिधि के तौर पर इंटरनेट और सोशल मीडिया के द्वारा पता व फोन नंबर जैसी जानकारी का प्रयोग करके कैमिस्टों तथा फार्मासिस्टों के साथ संपर्क करता था। इन तस्करों ने पहले से ही दिल्ली, आगरा, अमृतसर, जयपुर, ग्वालियर और भोपाल जैसे प्रमुख शहरों में चल रहे कोरियर/ट्रांसपोर्ट/माल ढुलाई जैसे नेटवर्क का प्रयोग किया तथा नकली बिलों की मदद से स्थानीय ट्रांसपोर्टरों का प्रयोग करते हुए कई राज्यों के विभिन्न स्थानों पर खेपें भेजी। हवाला चैनलों का प्रयोग करके पैसों की अदायगी और लेन-देन किया गया व इस उद्देश्य के लिए विशेष बैंक खाते इस्तेमाल किए गए।
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