चंडीगढ़ (आज समाज)। पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम डिवीजन ने पश्चिम बंगाल के वि•िान्न जिलों से साइबर वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले अंतर-राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है और तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। एडीजीपी साइबर क्राइम डिवीजन वी. नीरजा ने बुधवार को बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान शोवन साहा, अ•िाषेक कुमार सिंह, और परवीन कुमार राय के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने इनके कब्जे से तीन मोबाइल फोन, एक लैपटाप और 30 हजार 900 रुपये की नकदी •ाी बरामद की है।
पंजाब राज्य साइबर क्राइम डिवीजन को एक साइबर धोखाधड़ी की शिकायत प्राप्त हुई जिसमें 49.60 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। धोखेबाज ने कंपनी के अकाउंटेंट को मालिक की डिस्प्ले पिक्चर का उपयोग कर एक व्हाट्सएप संदेश •ोजा, जो मोरिंट के आधार पर रियल एस्टेट कारोबारी हैं। चूंकि उस समय मालिक किसी बैठक में था, इसलिए संदेश की सत्यता की पुष्टि नहीं हो सकी, जिससे कर्मचारी ने संदेश को मालिक का मान लिया और धोखेबाज द्वारा दिए गए बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए।
एडीजीपी वी नीरजा ने आगे बताया कि गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में से दो फ्लिपकार्ट के कर्मचारी थे, जिन्होंने कमीशन के लिए अपने बैंक खाते साइबर धोखेबाजों को किराए पर दिए थे। उन्होंने कहा, मोहम्मद दिलोवर गाजी नामक एक अन्य महत्वपूर्ण संदिग्ध की पहचान •ाी की गई थी, लेकिन गिरने के कारण उसे चोटें आई थीं और वह यात्रा करने की स्थिति में नहीं था। गाजी बाद में जांच में शामिल हुआ और उसने गिरोह के अन्य सदस्यों के नामों का खुलासा किया। एडीजीपी ने कहा कि हेल्पलाइन 1930टीम की कोशिशों के जरिए 44 वि•िान्न बैंक खातों में से तीसरी से नौवीं परत तक 5,22,700 रुपये की राशि फ्रीज कर दी गई है।
इसके अलावा, मामले की जांच जारी है और अन्य गिरफ्तारियों की सं•ाावना है। एसपी स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन जशनदीप सिंह गिल ने बताया कि इस मामले की सूचना 12 घंटे बाद स्टेट साइबर क्राइम को दी गई थी और एनसीआर पोर्टल पर रिपोर्ट करने के बाद, पुलिस स्टेशन स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन, मोहाली द्वारा जांच शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि साइबर धोखेबाजों द्वारा उपयोग किए गए व्हाट्सऐप अकाउंट्स, बैंक खातों और मोबाइल नंबरों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई और यह पाया गया कि पहली और दूसरी परत में राशि पश्चिम बंगाल के बैंक खाताधारकों को ट्रांसफर की गई थी।
एसपी गिल ने कहा कि इसके बाद, ज्वाइंट साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन टीम (जेसीसीटी) पश्चिम बंगाल के साथ समन्वय के लिए •ाारतीय साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटरकी सहायता मांगी गई और इंस्पेक्टर गगन प्रीत सिंह और इंस्पेक्टर दीपक •ााटिया की अगुवाई वाली पुलिस टीम कोलकाता के लिए रवाना हो गई। उन्होंने आगे कहा कि मल्टीपल ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (ओ एसआई एन टी) तकनीकों और बैंक के नोडल अधिकारियों की सहायता से, पहली और दूसरी परत में आरोपियों के ठिकानों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि प्रारं•िाक जांच से पता चला है कि धोखेबाजों ने नौ परतों में 150 बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की थी और इनमें से 44 खातों में जमा राशि को फ्रीज कर दिया गया है। पंजाब के साइबर क्राइम डिवीजन द्वारा अन्य राज्यों के साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दो महीनों के दौरान, राज्य के स•ाी 28 पुलिस जिलों के साइबर क्राइम थानों में लग•ाग 100 मामले दर्ज किए गए हैं और इन मामलों में साइबर धोखाधड़ी के शिकार व्यक्तियों की 23.46 करोड़ रुपये की राशि संदिग्ध व्यक्तियों के खातों में फ्रीज कर दी गई है।