श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में इंटर हाउस साईंस क्विज प्रतियोगिता आयोजित

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Inter House Science Quiz Competition
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  • क्विज प्रतियोगिता में सुभाष चंद्र बोस प्रथम, भगत सिंह हाउस दिवतीय व कल्पना चावला हाउस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया
  • वैज्ञानिक जीवन में गलतियां तो करते है लेकिन उन्हें दोहराता कभी नहीं – कर्मवीर राव
    नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ः
    श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़़ में मंगलवार को इंटर हाउस साईंस क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि स्कूल के एमडी कर्मवीर राव मुख्य रुप से उपस्थित रहे वहीं अध्यक्षता स्कूल प्राचार्य वीरेंद्र सिंह द्वारा की गई।

विद्यार्थियों को ट्रॉफी व मेडल देकर किया सम्मानित

इस बारे में जानकारी देते हाउस इंचार्ज मनोज कुमार ने बताया कि श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ़ में इंटर हाउस क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें श्रीकृष्णा स्कूल महेंद्रगढ के भगत सिंह हाउस से प्रीति कक्षा बारहवीं फांडेशन, प्रिया ग्यारहवी मेडिकल, गौरी कक्षा दसवीं फांउडेशन, दिव्या कक्षा नौवी फांउडेशन, सुभाष चंद्र बोस हाउस से तन्नू कक्षा बारहवीं नॉन-मेडिकल फांउडेशन, निखिल कक्षा ग्यारहवीं फांउडेशन, अंजलि कक्षा दसवी फांउडेशन व पीयूष कक्षा नौवी फाउंडेशन, स्वामी विवेकानंद हाउस से कुलदीप कक्षा ग्यारहवी, खुशबू कक्षा नौवी, खुशी कक्षा दसवीं व कशीश कक्षा बारहवीं व एपीजे अब्दुल कलाम हाउस से शशी कक्षा नौवी, नेहा बारहवीं, मयंक ग्यारहवीं व नैन्सी, कल्पना चावला हाउस से मधू कक्षा बारहवीं टारगेट, आंसू कक्षा ग्यारहवी टारगेट, ललित कक्षा दसवी, आदेश कक्षा नौवी सहित पांच हाउसों के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। उन्होंने बताया कि सुभाष चंद्र हाउस प्रथम, भगत सिंह हाउस ने द्वितीय व कल्पना चावला हाउस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेता हाउस के विद्यार्थियों को ट्राफी व मेडल देकर सम्मानित किया गया वहीं शेष टीमों के विद्यार्थियों को भी पुरस्कृति किया।

इंटर हाउस साईंस क्विज प्रतियोगिता

इस अवसर पर स्कूल के एमडी कर्मवीर राव ने विद्यार्थियो को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान हमें सीखाता है कि गलती कीजिए लेकिन जीवन में पुरानी गलती कभी दोहराई नहीं जानी चाहिए तब जाकर एक विद्यार्थी न्यूटन, आईस्टाईन व थॉमस एडिसन जैसा महान वैज्ञानिक बन पायेगा। श्री राव ने कहा कि दुनिया का कितना बड़ा वैज्ञानिक क्यों ना हो वह अपने जीवन में गलतियां तो करता है लेकिन उन्हें दोहराता कभी भी नहीं है। गलती सीखने का एक पहला सबक होती है। हम मानते है कि विज्ञान विशिष्ठ ज्ञान की प्रकाष्ठा है लेकिन विशिष्ठ ज्ञान कभी भी त्रुटिहीन नहीं होता। विज्ञान आधुनिक जीवन को सरल बनाने की विद्या है जो विद्यार्थी को जीवन में मुसीबतों का डटकर सामना करना सीखता है।

इस मौके पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा

इस मौके पर प्राचार्य वीरेंद्र सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान एक ऐसा विषय है जो भावनाओं को शिखर तक पहुंचता है तथा ज्ञान वह शक्ति है जिससे किसी भी नामुमकिन कार्य को मुमकिन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जीवन में थॉमस एडिसन ने बिजली के बल्ब की खोज करने के लिए दस हजार से भी ज्यादा असफल प्रयास किए तब जाकर दुनिया को प्रकाशमय करने वाला बिजली का बल्ब मिला। उचित मार्ग एवं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से किसी भी प्रतिभा को विलक्षण प्रतिभाओं में बदल सकता है। विज्ञान ने चिकित्सा, प्राकृति आपदा, अंतरिक्ष, गृहकार्य, शिक्षा व मनोरंजन, कृषि आदि को सरल एवं आसान बना दिया है तथा विज्ञान का योगदान बढ़ रहा है एवं नई चीजें उभरकर सामने आ रही हैं। इस मौके पर स्कूल का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

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