Intelligence Agencies: खालिस्तानियों ने कनाडा के 30 से ज्यादा गुरुद्वारों में बनाई पैठ, चला रहे ‘कबूतरबाजी’ रैकेट

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खालिस्तानियों ने कनाडा के 30 से ज्यादा गुरुद्वारों में बनाई पैठ, चला रहे कबूतरबाजी रैकेट

Aaj Samaj (आज समाज), Intelligence Agencies, नई दिल्ली: कनाडा खालिस्तानियों के ‘कबूतरबाजी’ रैकेट चलाने की भी जानकारी है। खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट के मुताबिक खालिस्तानी आतंकियों ने ब्रैम्पटन, सरे और एनमोन्टोन सहित कनाडा के अन्य शहरों में स्थित 30 से ज्यादा गुरुद्वारों में अपनी पैठ बनाई है वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के मकसद से कई तहत के गैरकानूनी काम भी कर रहे हैं। खालिस्तानियों की इन अवैध गतिविधियों में ‘कबूतरबाजी’ (ह्यूमन ट्रैफकिंग) यानी अवैध रूप से बॉर्डर क्रॉस करवाना भी शामिल है।

  • खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट

भारतीय युवाओं पर नजर रखते हैं खालिस्तानी आतंकी

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि खालिस्तानी आतंकी पंजाब से कनाडा आकर पढ़ाई व नौकरी करने वाले युवाओं पर भी नजर रखते हैं। वे इन युवाओं से संपर्क करके उन्हें बहला-फुसलाकर अपने भारत विरोधी मंसूबों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

खुफिया एजेंसियों के रडार पर करीब एक दर्जन

करीब एक दर्जन खालिस्तानी आतंकी और उनके संगठन खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं, जो भारत से कनाडा गए सिख युवकों को कनाडा बसाने का सपना दिखाते हैं, और फिर मदद के बदले उन्हें भारत के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने को कहा जाता है। खालिस्तानी तत्व कनाडा में सिख युवाओं को ट्रक ड्राइवर, पलम्बर, अथवा सेवादार बनाने में मदद करते हैं। कनाडा में बसे आतंकी अर्श डल्ला, लखबीर सिंह लांडा जैसे आतंकियो की मदद से पंजाब में आतंकी हमले की फिराक में हैं और इसके लिए वे तैयारी कर रहे हैं।

ड्रग्स से इनकम का बड़ा हिस्सा पहुंचता है कनाडा

एजेंसियों के अनुसार जांच में यह भी सामने आया है कि पंजाब में ड्रोन के माध्यम से पंजाब आने वाले ड्रग्स से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा कनाडा में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों तक पहुंच रहा है। इस पैसे की ही मदद से खालिस्तानी आतंकी नशे के कारोबार व आतंक को लगातार बढ़ा रहे हैं।

पंजाब तक ड्रग्स पहुंचाने में करते हैं मदद

कनाडा में मौजूद आतंकी-अपराधी गठजोड़ ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर ड्रग्स पंजाब तक पहुंचाते हैं। अपने आपराधिक संबंधों के आधार पर इस ड्रग्स को आगे बेचा जाता है। जांच में यह भी सामने आया है कि ड्रग्स बेचने के बाद होने वाली इनकम में से एक बड़ा हिस्सा कनाडा में बैठे आतंकियों व अपराधियों तक जाता है।

खालिस्तानियों का समर्थन या तिरंगे का अपमान करने गुरुद्वारों में नहीं जाते सिख

भारतीय सिखों की भावनाओं को उजागर करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एक सिख को यह कहते हुए दिखाया गया है कि उनके बच्चे खालिस्तानियों का समर्थन करने या तिरंगे का अपमान करने के लिए गुरुद्वारों में नहीं जाते हैं। वीडियो में शख्स को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हमें शर्म आ रही है कि तिरंगे का अपमान किया जा रहा है।

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