किसानों के लिए खोला एकीकृत बागवानी विकास केंद्र

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Integrated Horticulture Development Center opened for farmers

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:

एकीकृत बागवानी विकास केंद्र हरियाणा के किसानों को परंपरागत खेती से बागवानी की तरफ ले जाने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। किसान यहां से संरक्षित खेती के गुर सीख कर अपने गांव में खेती का नया मॉडल तैयार करें। यह बात उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर ने गत दिवस एकीकृत बागवानी विकास केंद्र सुंदरह (महेंद्रगढ़) में चल रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए कही।

आने वाला समय बागवानी और जैविक खेती का

डीसी ने कहा कि आने वाला समय बागवानी व जैविक खेती का है। किसान नई तकनीक सीख कर कम से कम लागत में अधिक से अधिक मुनाफा कमाएं। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए हरियाणा सरकार ने यह केंद्र खोला है। इस केंद्र में संरक्षित खेती, नए बाग की स्थापना करने की तकनीक, जैविक बागवानी, सब्जी की खेती तथा बागवानी में फसल कलस्टर का विकास करने और फसलों पर कीट प्रबंधन के बारे में किसानों को जानकारी दी जा रही है। यहां से किसान कृषि क्षेत्र में अपना ज्ञान वर्धन करके अपने अपने गांव में किसी का नया मॉडल तैयार करें। इस मौके पर जिला बागवानी अधिकारी डा प्रेम कुमार के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

डीसी ने ली बागवानी पर कीट प्रबंधन की जानकारी

उपायुक्त जयकृष्ण आभीर ने एकीकृत बागवानी विकास केंद्र सुंदरह (महेंद्रगढ़) पर किसानों के कल्याण के लिए अपनाई जा रही नई तकनीक के माध्यम से की गई खेती का निरीक्षण किया। उन्होंने सब्जी व बागवानी पर कीट प्रबंधन के बारे में बारीकी से जानकारी ली। यहां पर 4 एकड़ में बाग विकसित किया गया है जिसमें विभिन्न प्रकार के फल लगाए गए हैं। इनमें मुख्यत है अनार, ड्रैगन, माल्टा कीनू तथा बेर आदि के फल लगाए गए हैं। यहां पर जैविक खाद का उपयोग किया जा रहा है। सिंचाई के लिए केवल टपका सिंचाई प्रणाली अपनाई गई है ताकि कम से कम पानी में अधिक से अधिक उत्पादन लिया जा सके।

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