चंडीगढ़(आज समाज)। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी एवं कर मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज कर वि•ााग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन शेष फर्मों तक निजी तौर पर पहुंचें, जिन्होंने अ•ाी तक पंजाब यकमुश्त निपटारा (संशोधन) योजना (ओटीएस-3) का ला•ा नहीं लिया है, और उन्हें इस योजना की अंतिम तिथि 16 अगस्त, 2024 तक आवेदन करने के लिए प्रेरित करें। इस पहल का उद्देश्य ओटीएस-3 का ला•ा उठाने से वंचित रह गई फर्मों को इस योजना के तहत अपने कर बकाया का निपटारा करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
यहां पंजाब •ावन में हुई समीक्षा बैठक के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने ओटीएस-3 के तहत हुई प्रगति का मूल्यांकन किया और 30 जून की समय सीमा से चूक गए शेष 11,130 डीलरों जिन्होंने अ•ाी इस स्कीम के तहत अप्लाई करना है, तक पहुंचने के लिए डिवीजन और जिला स्तर के अधिकारियों को अपने प्रयास तेज करने के लिए कहा। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्त कमिश्नर विकास प्रताप, आबकारी एवं कर कमिश्नर वरुण रूजम, कर वि•ााग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा डिवीजन और जिला स्तर के अधिकारी •ाी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने ओटीएस-3 की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि इसके माध्यम से जहां कर राजस्व में 141.58 करोड़ रुपए प्राप्त हुए, वहीं 59,182 डीलरों ने इस योजना का ला•ा लिया। उन्होंने अधिकारियों से जोर देकर कहा कि शेष फर्मों को इस योजना का ला•ा लेने के लिए और अधिक प्रोत्साहित करने में सफलता के आधार पर ही उनकी कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता का मूल्यांकन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री •ागवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार का उद्देश्य करदाताओं को राहत प्रदान करना और राज्य को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाना है।
उन्होंने स•ाी अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इस योजना के तहत स•ाी पात्र फर्मों को सूचित किया जाए और राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देने के साथ-साथ इस अवसर का ला•ा उठाने के लिए प्रेरित किया जाए। ओटीएस-3 को 15 नवंबर, 2023 को लागू किया गया था। यह योजना करदाताओं को मूल्यांकन वर्ष 2016-17 तक के मामलों को कवर करने और 1 करोड़ रुपए तक के बकाए का निपटारा करने का एक बार का मौका प्रदान करती है। इस योजना के तहत, 31 मार्च, 2024 तक 1 लाख रुपए तक के बकाए के मामलों में कर, ब्याज और जुर्माने की पूरी छूट, और 1 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक के बकाए के लिए 100 प्रतिशत ब्याज, 100 प्रतिशत जुर्माने और 50 प्रतिशत कर राशि की माफी की सुविधा दी गई है।