नई दिल्ली। कोरोना वायरस को मात देने के लिए देश मेंकई उपाय किए जा रहे हैं। इससे बचने के लिए लॉकडाउन किया गया जिसका चौथा चरण चल रहा है। लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस की ओर से सरकार पर असफल रहने के आरोप लगाए गए हैं। साथ ही कांग्रेस की यूपी महासचिव प्रियंका गांधी ने राजनीतिक पार्टियों को अपने मतभेद भुला कर एक जुट होकर काम करने का आह्वान किया गया। उन्होंने गुरुवार को एक वीडियो संदेश जारी कर आपसी मतभेद भुलाकर सभी पार्टियों से सहयोग करने की अपील की।प्रियंका गांधी ने चार मांगे रखीं। सरकार हर जरूरतमंद को 10 हजार रुपये दे। अगले छह महीने के लिए श्रमिकों व गरीबों के खाते में हर महीने साढ़े सात हजार रुपये दिए जाएं। जो प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं उनके लिए मनरेगा के कार्यदिवस 100 से बढ़ाकर 200 किए जाएं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण व्यापार पूरी तरह बंद है। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए सरकार छोटे व्यापारी व दुकानदारों को वित्तीय पैकेज दे। हालांकि इसी के साथ उन्होंने भाजपा पर भी तंज कसा और कहा कि महाराष्ट्र की सरकार कोरोना जैसी भयंकर महामारी से लड़ रही है तो उसे सहयोग करने की जगह भाजपा सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। बता देंकि महाराष्टÑ में पिछले दो तीन दिनों पहले सेगठबंधन की सरकार में खटपट की खबरें आ रहीं थीं। एकाएक एनसीपी प्रमुख शरद पवार का राज्यपाल से मिलना और फिर मातोश्री जाकर उद्धव ठाकरे सेमिलने से इस तरही खबरें आ रहीं थीं। आज प्रियंका ने अपने विडियो संदेश मे ंकहा कि यह मुश्किल वक्त है। सभी को देश की आमजनता की मदद करनी चाहिए। हमने यूपी के श्रमिकों की मदद के लिए एक हजार बसें भेजी लेकिन योगी सरकार ने उन्हें स्वीकार नहीं किया जबकि आपसी मतभेद भुलाकर जनता की मदद करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि हमने तो आॅफर दिया था कि भले ही बसों पर भाजपा के बैनर व पोस्टर लगा लें लेकिन उनका इस्तेमाल करें पर उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी।