पीआर सेंटर पर एडीसी-विजिलैंस की चैकिंग
आज समाज डिजिटल,करनाल:
निदेशालय खाद्य नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता विभाग द्वारा फर्जी बीएलएल कार्ड बनाने के आरोप में जेल भेजे जा चुके इंसपेक्टर देवेंद्र मान को सस्पेंड कर दिया। लेकिन आरोपी को सस्पेंड करने का फैसला लेने में विभाग के डायरेक्टर को करीब 13 दिन लग गए। सवाल उठना लाजिमी है कि आखिरकार फैसला लेने में 13 दिन क्यों लग गए? हालांकि विभाग के पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि इंसपेक्टर को 13 अप्रैल से संस्पेड समझा जाए। बता दे कि इंसपेक्टर देवेंद्र मान के खिलाफ 3 केस दर्ज हो चुके है।
आरोपी इंसपेक्टर फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने के मामले में न्यायिक हिरासत में
वहीं दूसरी ओर एडीसी डॉ. वैशाली शर्मा व विजिलैंस की टीम ने खाद्य आपूर्ति विभाग के पीआर सेंटर पर चैकिंग की। चैकिंग के दौरान टीम को 3 सबर्सिबल मिले। जिनको लेकर टीम ने विभाग के डीएफएससी से स्पष्टीकरण मांगा हैं ताकि आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार टीम शिकायत के आधार पर गोदाम में चेंकिग पर आई थी। टीम ने चैकिंग के दौरान पाया कि 3 टयूबवेल लगे हुए है, इनके बारे में जानकारी हासिल की, यहां पर टयूवबेल क्यों लगे है? इनका क्या औचित्य है। टीम को गेट पर सिक्योरिटी गार्ड व गोदाम के अंदर चौंकीदार तक नहीं मिले, जिस पर टीम के अधिकारियों ने डीएफएससी से तीखे सवाल किए। बता दे कि शिकायतकर्ता ने शिकायत दी थी कि पीआर सेंटर करनाल में लगे टयूबवेल लगे हैं, जिनका प्रयोग गेहूं को भिगोकर वजन बढ़ाने के लिए किया जाता है। शिकायत के आधार पर चैकिंग की गई।
अधिकारियों पर पहले भी लगे कई गंभीर आरोप
एक इंसपेक्टर ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि एक इंसपेक्टर परखी मारते हुए पकड़ा गया था, जबकि एक इंसपेक्टर के कई राइस मिल डिफाल्ट हो चुके हैं। इसके अलावा इंसपेक्टर समीर व एएफएसओ जसबीर पर गत माह पुलिस थाने में केस दर्ज हो चुका हैं, साथ ही अपने साथी इंसपेक्टर के खिलाफ मारपीट के भी गंभीर आरोप हैं। दोनों ही अधिकारियों की भूमिका संदिज्ध रही हैं, बावजूद विभाग के अधिकारियों की लिस्ट में सबसे पंसदीदा अधिकारी हैं। पीआर सेंटर में गेहूं का स्टॉक रखने का जिम्मा इंसपेक्टर समीर व निगरानी का जिम्मा जसबीर के पास हैं।
वर्जन
एडीसी करनाल ने बताया कि शिकायत के आधार पर गोदाम की चैकिंग की गई थी, शिकायत थी कि सबर्सिबल लगे है। जांच में 3 सबर्सिबल मिले हैं। इनको लेकर सम्बधित अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया हैं। उधर डीएफएससी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि टीम ने चैकिंग की हैं। सबर्सिबल मिले है, वे तो उस वक्त के है जब भवन बना होगा।
एसडीएम ने यादव सभा को सौंपा एक लाख का चेक SDM Handed Over A Check Of One Lakh To Yadav Sabha
Connect With Us : Twitter Facebook