INS Mumbai news: सितंबर महीने में बंगाल के टूरिजम को प्रमोट करेंगे

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INS Mumbai news

INS Mumbai news अपनी तरफ से तो जब महाराष्ट्र के लोग चारों अखबारों में हर तरफ बंगाल बंगाल देखे तो उनको करेगा यार इस बार बंगाल जाने का कार्यक्रम बनाए तो बंगाल का टूरिजम बढ़ेगा। मान लीजिए आप तीन महीने के बाद तय करें हम तमिलनाडु के सारी चीजों पर सब मिलकर के एक ये करे एक दूसरा करे। ऐसा नहीं तमिलनाडु फोकस करेंगे आप देखिए एकदम से महाराष्ट्र के लोग टूट में जाने वाले होंगे तमिलनाडु की तरफ देखा जाए देश के टूरिज्म को बढ़ाने का एक तरीका और जब आप ऐसा करेंगे तो उन राज्यों में भी महाराष्ट्र के लिए ऐसे ही कैंपेन शुरू होंगे। जिसका लाभ महाराष्ट्र को मिलेगा। इससे राज्यों में एक दूसरे के प्रति आकर्षण बढ़ेगा, जिज्ञासा बढ़ेगी और आखिरकार इसका फायदा होगा। जिस राज्य में आप ये इनिशिएटिव ले रहे हैं और बिना कोई एक्स्ट्रा प्रयास किए बिना आराम से होने वाला काम है। साथियों आप सभी से मेरा आग्रह अपनी ग्लोबल प्रेजेंस बढ़ाने को लेकर भी है हमें सोचना होगा दुनिया में हम नहीं है एस फर एस मीडिया इ कंसर्न हम 140 करोड़ लोग के देश है इतना बड़ा देश इतना सामर्थ्य और संभावना है और बहुत ही कम समय में हम भारत को थर्ड लार्जेस्ट इकॉनमी होते देखने वाले हैं.

भारतीय मूल के लोगों का कद बड़ा

INS Mumbai news:

अगर भारत की सफलताएं दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाने का दायित्व भी आप बहुत बखूबी निभा सकते हैं आप जानते हैं कि विदेशों में राष्ट्र की छवि का प्रभाव सीधे उसकी इकोनॉमी और ग्रोथ पर पड़ता है आज आप देखिए विदेशों में भारतीय मूल के लोगों का कद बड़ा है विश्वसनीयता बड़ी है सम्मान बढ़ा है क्योंकि विश्व में भारत की साख बड़ी है भारत भी वैश्विक प्रगति में कहीं ज्यादा योगदान दे पा रहा है हमारा मीडिया इस दृष्टिकोण से जितना काम करेगा देश को उतना ही फायदा होगा और इसलिए मैं तो चाहूंगा कि जितनी भी यूएन लैंग्वेजेज है उनमें भी आपके पब्लिकेशन का विस्तार हो आपकी माइक्रो साइट्स सोशल मीडिया अकाउंट्स इन भाषाओं में भी हो सकते हैं और आजकल तो एआई का जमाना है यह सब काम आपके लिए अब बहुत आसान हो गए हैं साथियों मैंने इतने सारे सुझाव आप सबको दे डाले हैं मुझे मालूम है आपके अखबार में पत्र पत्रिकाओं में बहुत लिमिटेड स्पेस हो रहती है लेकिन आजकल हर अखबार पर और हर हर एक के पास एक पब्लिकेशन के डिजिटल एडिशन भी पब्लिश हो रहे हैं वहां ना स्पेस की लिमिटेशन है और ही डिस्ट्रीब्यूशन की कोई समस्या है मुझे भरोसा है कि आप सब इन सुझावों पर विचार करके नए एक्सपेरिमेंट्स करेंगे और लोकतंत्र को मजबूत बनाएंगे और मैं पक्का मानता हूं कि आपके लिए एक भले दो पीस की छोटी एडिशन जो दुनिया की यूएन की कम से कम लैंग्वेजेस में हो दुनिया का अधिकतम स्वर्ग उसको देखता है पढ़ता है एंबेसी उसको देखती है और भारत की बात पहुंचाने की बहुत बड़ा सोर्स आपकी यह जो डिजिटल एडिशन है उसमें बन सकता है आप जितना सशक्त होकर काम करेंगे देश उतना ही आगे बढ़ेगा।