Aaj Samaj (आज समाज), INS Imphal, INS Imphal, नई दिल्ली: हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारतीय नौसेना भी लगातार अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रही है। आज नौसेना को स्वदेश निर्मित नया स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस इंफाल’ मिल गया। इससे भारत की युद्धक क्षमताएं और बेहतर होंगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई डॉकयार्ड में इसे कमीशंड किया। यह युद्धक विमान नौसेना की पश्चिमी कमान में शामिल होगा। ‘आईएनएस इंफाल’ नौसेना के प्रोजेक्ट 15बी विशाखापत्तनम श्रेणी का हिस्सा है, जिसे भारतीय नौसेना ने डिजाइन किया और भारत में ही इसका निर्माण किया गया है।
- बेहतर होंगी युद्धक क्षमताएं
उत्तरपूर्व के किसी शहर के नाम पर पहला जहाज
बता दें कि आईएनएस इंफाल पहला युद्धक जहाज है, जिसका नाम उत्तरपूर्व के किसी शहर (मणिपुर की राजधानी इंफाल) पर रखा गया है। यह नाम रखने के फैसले को साल 2019 में राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी। यह दर्शाता है कि भारत की सुरक्षा व समृद्धि में देश का उत्तरपूर्व क्षेत्र भी अहम है।
75 प्रतिशत तकनीक स्वदेशी का इस्तेमाल
आईएनएस इंफाल के निर्माण में 75 प्रतिशत तकनीक स्वदेशी का इस्तेमाल किया गया है। मझगांव डॉक लिमिटेड में इसका निर्माण किया गया है। इस युद्धक विमान पर जमीन से जमीन पर मार करने वाली, जमीन से हवा में मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं। साथ ही इस पर पनडुब्बियों को निशाना बनाने वाले रॉकेट लॉन्चर व 76एमएम की सुपर रैपिड गन भी लगाई गई है। बराक 8 मिसाइलें, सर्विलांस रडार और टॉरपीडो से भी आईएनएस इंफाल लैस है।
जैविक, परमाणु व रसायनिक हमले लड़ने में सक्षम
आईएनएन इंफाल परमाणु हमले, जैविक हमले और रसायनिक हमले की स्थिति में भी लड़ने के लिए सक्षम है। इसमें कंपाइंड गैस और गैस प्रोपल्शन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से यह 30 नॉट्स की स्पीड से चलने में सक्षम है।
आईएनएस इंफाल सबसे बेहतर : नेवी
नौसेना का कहना है कि भारत में अब तक बने युद्धक जहाजों में आईएनएस इंफाल सबसे बेहतर है और यह युद्धक जहाज बनाने की भारत की क्षमताओं का परिचायक है। नौसेना में कमीशन होने के बाद आईएनएस इंफाल नौसेना की वेस्टर्न नेवल कमांड का हिस्सा बनेगा। इसे 20 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को डिलीवर किया गया था। इससे पहले इसके ट्रायल हुए थे।
कुल लंबाई 535 फीट
आईएनएस इंफाल की कुल लंबाई 535 फीट, ऊंचाई 57 फीट और कुल वजन 7400 टन है। इस पर 300 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं और यह एक बार में 42 दिनों तक समुद्र में रह सकता है। इस पर ध्रुव और सी किंग हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जा सकते हैं।
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