Nuclear Submarine Arighat, (आज समाज), नई दिल्ली: देश की दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन अरिघात को कल यानी 29 अगस्त को नौसेना को सौंपा जा सकता है। इसे 2017 में लांच किया गया था और तब से इसकी टेस्टिंग जारी रही। अब यह बनकर तैयार है और इसे फाइनली कमीशन किया जाएगा।
- 3 न्यूक्लियर सबमरीन तैयार कर चुकी है नौसेना
अपग्रेडेड वर्जन है अरिघात
अरिघात आईएनएस अरिहंत का अपग्रेडेड वर्जन है और इसे भारतीय नौसेना के विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर (एसबीसी) में बनाया गया था। अरिहंत की तरह ही अरिघात भी 750 किमी की रेंज वाली के-15 मिसाइलों से लैस होगी। नौसेना अब तक 3 न्यूक्लियर सबमरीन तैयार कर चुकी है। इसमें से एक अरिहंत कमीशंड है, दूसरी अरिघात मिलने वाली है और तीसरी एस3 पर टेस्टिंग जारी है। इन सबमरीन के जरिए दुश्मन देशों पर परमाणु मिसाइल दागी जा सकती हैं।
1990 में एटीवी प्रोग्राम शुरू किया
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी ने 2009 में पहली बार सांकेतिक तौर पर कारगिल विजय दिवस के मौके पर आईएनएस अरिहंत लॉन्च की थी। इसके बाद 2016 में इसे नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया। अगले 5 वर्ष में दो और पनडुब्बियों को नौसेना ने लॉन्च किया है। 2009 में लॉन्च करने से पहले भारत ने पनडुब्बियों को दुनिया से छिपा रखा था। 1990 में भारत सरकार ने एडवांस टेक्नोलॉजी वेसल (एटीवी) प्रोग्राम शुरू किया था। इसके तहत ही इन पनडुब्बियों का निर्माण शुरू हुआ था।
अरिहंत की तरह सक्षम है अरिघात
आईएनएस अरिघात समुद्र के अंदर मिसाइल अटैक करने में उसी तरह सक्षम है, जिस तरह अरिहंत ने 14 अक्टूबर 2022 को टेस्टिंग की थी। तब अरिहंत से के-15 एसएलबीएम की सफल टेस्टिंग की गई थी। इसी के साथ भारत अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस व ब्रिटेन के अलावा दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश बन गया था।