नई दिल्ली। आॅटो सेक्टर में आई कमी और आर्थिक हालातों का लोग सामना कर रहे है वहीं दूसरी और मंगलवार को आईटी कंपनी इन्फोसिस की वजह से भी लोगों का पैसा डूबा। मंगलवार को इंफोसिस शेयर करीब 17 प्रतिशत नीचे आ गया। फोसिस के सीईओ और सीएफओ पर राजस्व और मुनाफा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के आरोपों से कंपनी के शेयर में लगभग साढ़े छह साल की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इससे कंपनी के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 53,451 करोड़ रुपये की गिरावट आई। इसकी वजह से निवेशकों के 53,000 करोड़ रुपये डूब गए। एक व्हिसलब्लोअर शिकायत में कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी नीलांजल रॉय पर लघु अवधि की आय और मुनाफे के लिए अनुचित व्यवहार अपनाने का आरोप लगाया गया है। इसके बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट आई। शेयर बाजार में कंपनी का शेयर 16.21 प्रतिशत के नुकसान से 643.30 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह एक समय 16.86 प्रतिशत टूटकर 638.30 रुपये पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी का शेयर 16.65 प्रतिशत के नुकसान से 640 रुपये पर बंद हुआ। शेयरों में जोरदार गिरावट के बीच कंपनी का बाजार पूंजीकरण 53,450.92 करोड़ रुपये घटकर 2,76,300.08 करोड़ रुपये पर आ गया। इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने एक बयान में कहा कि कंपनी की आडिट समिति व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर स्वतंत्र जांच करेगी।
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