450 स्टार्ट अप से मजबूत होगा औद्योगिक ढांचा

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इनोवेशन मिशन पंजाब की शुरुआत
आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़:
उद्यमिता और औद्योगिक क्षेत्र में पंजाब की अनगिणत संभावनाओं का अच्छी तरह इस्तेमाल करने के मकसद से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इनोवेशन मिशन पंजाब (आईएमपंजाब) की शुरुआत की जो कि पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट हिस्सेदारी) पर आधारित होगा जिससे राज्य में दुनिया भर से निवेशकों को आकर्षित करने और स्टार्ट-अप क्षेत्र को और मजबूत करने में मदद मिलेगी जिससे राज्य इस अलग क्षेत्र में चोटी के तीन राज्यों में शुमार हो जाएगा। वर्चुअल तौर पर इस समागम में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मिशन रूपी पहल से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और नौकरियां पैदा होने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा निवेश भी राज्य में आएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस मिशन के अंतर्गत बाजार तक पहुंच बनाने, निवेश के लिए हिस्सेदार तलाश करने और स्टार्ट-अप शुरू करने संबंधी जानकारी देने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस उद्यम में विदेशों में बसते पंजाबी समुदाय को भी हिस्सेदार बनाया जाएगा और महिलाओं में उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देने के लिए भी कोशिशें की जाएंगी। इस मौके पर एक बड़े स्तर पर आइडियाथॉन (विचार-चर्चा) कराने का भी फैसला किया गया जिसमें राज्य से विद्यार्थी, नौजवान पेशा माहिर, उभरते उद्यमी हिस्सा लेंगे। पंजाब को भारत और दुनिया भर में एक मजबूत औद्योगिक और उद्यमी राज्य के तौर पर पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 450 स्टार्ट-अप और 20 से ज्यादा इनक्यूबेटर मौजूद हैं जिनके ढांचे को और मजबूती प्रदान करने के लिए इनोवेशन मिशन पंजाब की तरफ से इससे जुड़े सभी पक्षों जैसे कि निवेशक, प्रगतिशील किसान, मीडिया, कॉर्पोरेट जगत, सरकार और अकादमिक की मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पृथक मिशन सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की हिस्सेदारी के साथ आगे बढ़ेगा और इसके भागीदारों के तौर पर कृषि, उद्योग और वाणिज्य विभाग, मंडी बोर्ड और स्टार्ट-अप पंजाब की तरफ से पहले तीन वर्षों के लिए चालू खर्चों के तौर पर नगद और अन्य वस्तुओं के रूप में 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद मुहैया करवाई जाएगी। इसके इलावा कालकट भवन में 12000 वर्ग फुट की जगह 10 वर्ष के लिए बिना किराए से पट्टे पर देकर राज्य के स्टार्ट-अप की मदद की जाएगी। इस मिशन के तीन पक्ष हैं। पहला पक्ष है पॉलीनेटर जिसमें वर्चुअल इनक्यूबेटरों का एक नेटवर्क स्थापित करके बुट्ट कैंप, आईडियाथॉन आदि कई समागम करवाए जाते हैं जिससे एक समर्थ स्टार्ट-अप ढांचा विकसित हो सके। दूसरा पक्ष है एक्सलरेटर जिसमें नए स्टार्ट-अप शुरू करने वालों को माहिरों की तरफ से उनके स्टार्ट-अप से संबंधित क्षेत्रों के बारे और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह एक्सलरेटर कालकट भवन में स्थापित होगा और तीसरा पक्ष वैनचर फंड का होगा जिसके अंतर्गत 150 करोड़ रुपए की मदद नए स्टार्ट-अप को प्रदान की जाएगी जिससे वह और विकसित हो सकें।