आज समाज डिजिटल, Indus Water Treaty : पड़ोसी देश पाकिस्तान पहले से राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से घिरा हुआ है। वहीं अब सिंधु जल संधि में संशोधन को लेकर भारत ने पाकिस्तान को नाेटिस भेजा है जिसके बाद से पाकिस्तान की टेंशन और बढ़ गई है। पाकिस्तान ने भारत की तरफ से जनवरी में भेजे गए नोटिस का अकड़ में रहते हुए जवाब नहीं दिया। लेकिन अब पाकिस्तान जवाब के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करने को तैयार है।
जलवायु परिवर्तन मामलों की पाकिस्तानी मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि 62 साल पुरानी सिंधु जल संधि की समीक्षा पर बातचीत करने संबंधी भारत का पत्र ‘अस्पष्ट’ है और इस्लामाबाद ने अपने उत्तर में नयी दिल्ली से स्पष्टीकरण मांगा है। गौरतलब है कि भारत ने इस साल पहली बार पाकिस्तान को नोटिस भेजकर सिंधु जल संधि की समीक्षा और सुधार की बात कही थी।
जलवायु परिवर्तन मामलों की पाकिस्तान की मंत्री सीनेटर शेरी रहमान ने सीनेट को बताया कि संधि के सुधार से जुड़े खत का मजमून ‘अस्पष्ट’ है क्योंकि भारत ने पाकिस्तान पर संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार मामले को समझ रही है और उसके गुण-दोष के आधार पर फैसला कर रही है।” बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समझौते की समीक्षा बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों से कहा था कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते।
खत का मजमून बताया ‘अस्पष्ट’
जलवायु परिवर्तन मामलों की पाकिस्तान की मंत्री सीनेटर शेरी रहमान ने सीनेट को बताया कि संधि के सुधार से जुड़े खत का मजमून ‘अस्पष्ट’ है क्योंकि भारत ने पाकिस्तान पर संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान सरकार मामले को समझ रही है और उसके गुण-दोष के आधार पर फैसला कर रही है।”
भारत ने 27-28 जनवरी को ‘द हेग’ में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन की सुनवाई से दो दिन पहले संधि में संशोधन की मांग की थी। भारत ने सिंधु जल संधि के अनुच्छेद 12 को लागू करके नोटिस दिया था। सूत्रों के अनुसार इस्लामाबाद ने अब सुनियोजित और सावधानीपूर्वक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया भेजी है, जिसमें कहा गया है कि वह सिंधु जल के स्थायी आयोग (पीसीआईडब्ल्यू) के स्तर पर संधि के बारे में नई दिल्ली की चिंताओं को सुनने के लिए तैयार है।
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