सोशल मीडिया के जमाने के बच्चे इन गेम्स से दूर चले गए
प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गर्ग ने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में हमारी इंडोर गेम्स लुप्त होती जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास में खेल एक अहम हिस्सा रहा है। दुख की बात यह है कि आज सोशल मीडिया के जमाने के बच्चे इन गेम्स से दूर चले गए हैं और बस वीडियो गेम्स और मोबाइल पर ही गेम खेलते रहते हैं। डॉ. विक्रम कुमार ने कहा कि पढ़ाई के साथ- साथ ऐसी रचनात्मक प्रतियोगिताएं करवाने से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है और इसके अलावा बौधिकता का भी विकास होता है।
स्वस्थ और फिट रहने का सबसे असरदार तरीका है इंडोर गेम्स
इस अवसर पर सह संयोजक प्रो.अश्वनी गुप्ता ने कहा की स्वस्थ और फिट रहने का सबसे असरदार तरीका है इंडोर गेम्स। लेकिन आज की तेज रफ़्तार ज़िन्दगी में इंडोर गेम्स में लोगों की रुचि घटती जा रही है। नतीजतन लोग अपने आपको फिट रखने में नाकाम रहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कंप्यूटर साइंस विभाग ने यह पहल की है की हम अपने विद्यार्थियों को धीरे धीरे लुप्त हो रही गेम्स के बारे में बताये और इसमें उनकी रूचि को जगाएं।
इन प्रतियोगिता के विजेता इस प्रकार रहे
– लूडो: सिद्धांत बीसीए फर्स्ट ईयर प्रथम, बक्शीश बीसीए सेकंड ईयर द्वितीय स्थान पर रहे।
– कैरम बोर्ड : दीर्घ नासा बीसीए फर्स्ट ईयर प्रथम, बीसीए प्रथम से आशीष द्वितीय स्थान पर रहे।
– रस्सा कूद : बीसीए प्रथम से रोहित प्रथम व बीसीए द्वितीय से यश द्वितीय स्थान पर रहे।
– म्यूजिकल चेयर : बीसीए फर्स्ट ईयर से रिया प्रथम व बीसीए प्रथम से सोमिल द्वितीय स्थान पर रहे।
– स्टापू: बीसीए द्वितीय से दिनेश प्रथम और बीसीए द्वितीय से प्रदीप द्वितीय स्थान पर रहे।
मेडल व सर्टिफिकेट देकर किया सम्मानित
प्रथम स्थान के विजेताओं को गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट और द्वितीय स्थान के विजेताओं को रजत पदक एवं सर्टिफिकेट के साथ सम्मानित किया गया। प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गर्ग ने इंडोर गेम्स की सफल आयोजन के लिए प्रो.अश्वनी गुप्ता, प्रो विनय भारती और प्रो दीप्ति जुनेजा को बधाई और शुभकामनाएं दी। आयोजन में प्रो. नीतू भाटिया और प्रो. रीतू भारद्वाज का ख़ास योगदान रहा।