Aaj Samaj (आज समाज), Indo-US Statement On Terrorism, इस्लामाबाद: सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के प्रति भारत-अमेरिका के कड़े रुख के बाद पड़ोसी मुल्क अपनों से ही घिर गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्टÑपति जो बाइडेन के सीमा पार आतंकवाद पर इसी सप्ताह जारी किए गए संयुक्त बयान के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मौजूदा पाक पीएम शाहबाज शरीफ पर निशाना साधा है और इसी के साथ पाकिस्तान के मीडिया ने भी मोदी व बाइडेन के आतंकवाद पर संयुक्त बयान को काफी कवरेज दी है, जिससे पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
शाहबाज पर पाकिस्तान को अप्रासंगिक बनाने का आरोप
मोदी व बाइडेन ने वाशिंगटन में द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त बयान जारी कर सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की है। दोनों नेताओं ने पाकिस्तान से कहा है कि वह सुनिश्चित करे कि आतंकी गतिविधियों के लिए उसकी जमीन का किसी सूरत में इस्तेमाल न हो। इस पर इमरान खान ने विश्व मंच पर पाकिस्तान को अप्रासंगिक बनाने का शाहबाज शरीफ पर आरोप लगाया है। बता दें कि जिस तरह मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे को अमेरिका के साथ मिल कर उठाया है उससे पाकिस्तान की चिंता बढ़ना लाजिमी। खास तौर पर वहां की मीडिया ने इसे भारतीय कूटनीति की बड़ी जीत और पाकिस्तान की नीति के हार के तौर पर देखा है।
इस बार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम लिया
इसी के साथ वर्ष 2021 में बाइडेन व मोदी की पहली द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन इस बार गुरुवार को जारी संयुक्त बयान में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम लिया गया है। संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और अमेरिका वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक साथ हैं और हर तरह के आतंकवाद व कटट्रवाद की निंदा करते हैं। मोदी व बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र में सीमा पार आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए अधिसूचित अल-कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा व हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की है।
मुंबई व पठानकोट हमले के दोषियों को सजा दिलाने की भी मांग
मोदी व बाइडेन ने मुंबई हमले व पठानकोट हमले के दोषियों को सजा दिलाने की भी मांग की है। दोनो देशों की सरकारों ने आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के तहत और ज्यादा सहयोग करने की बात कही है। पीएम मोदी ने बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में और उसके बाद अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, वर्ष 2001 में अमेरिका पर और वर्ष 2008 में मुंबई पर घातक आतंकी हमला होने के लंबा समय बीत जाने के बावजूद आंतकवाद व कट्टरवाद बड़ी समस्या बनी हुई है। आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और इससे निपटने के लिए किसी तरह की किंतु-परंतु नहीं होनी चाहिए। आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों और इसका निर्यात करने वालों से हमें निपटना होगा।
शहबाज शरीफ की कूटनीति पूरी तरह विफल : इमरान
पूर्व पीएम इमरान खान ने संयुक्त बयान की आड़ में पीएम शहबाज शरीफ की सरकार पर सवाल भी उठाया है। उन्होंने कहा कि शहबाज सरकार की कूटनीति पूरी तरह से असफल हो गई है। इमरान खान ने यह भी कहा है कि पिछले एक वर्ष में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कई बार अमेरिका की यात्रा की है लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है। भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान को केवल आतंकवाद के समर्थक के तौर पर देखा है।
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