लद्दाख में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद जारी है। दोनों देशों के बीच एलएसी को लेकर तनाव और गतिरोध में कमी नहीं आई है। हालांकि इसके लिए कई प्रयास किए गए हैंलेकिन अब तक यह बहुत असरदार नहीं हो पाया है। कई महीनों से चीन के साथ एलएसी पर विवाद चल रहा है। पहले चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प होने पर दोनों देशों के सैनिक हताहत हुए थे। अब उसके बाद भी बातचीत जारी रही लेकिन तनाव में कोई कमी नहीं आई। तनाव की स्थिति यहां तक पहुंच गई कि बीते चार दशकों के बाद अब एलएसी पर बीते बीस दिनों में तीन बार हवाई फायरिंग हुई। जो कि अच्छे संकेत नहीं कहे जा सकते हैं। सैन्य सूत्रों के अनुसार, सबसे पहली घटना तब घटी जब दक्षिणी पैंगोंग की ऊंचाई वाली चोटी पर कब्जा करने की चीन ने कोशिश की। इस दौरान, भारत ने चीन के सैनिकों को वापस खदेड़ते हुए उनकी चाल को नाकाम कर दिया। यह घटना 29-31 अगस्त के बीच हुई। इसके बाद दूसरी घटना सात सितंबर की है, जोकि मुखपारी की चोटियों पर घटी थी। सूत्रों की माने तो आठ सितंबर को पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे भी हवाई फायरिंग हुई। दोनों ही पक्षों के जवानों ने 100 राउंड से ज्यादा फायरिंग की थी। हवाई फायरिंग की घटनाओं के बाद मास्कों में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों केबीच बैठक हुई और तनाव कम करने पर सहमति भी बनी थी।