Indigo Airlines: फ्लाइट में कारगिल के परमवीर चक्र विजेता हिमाचल निवासी सुबेदार मेजर संजय कुमार का जोरदार स्वागत

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Indigo Airlines
इंडिगो की दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में परमवीर चक्र विजेता सुबेदार मेजर संजय कुमार का वेलकम करते क्रू मेंबर्स।

Aaj Samaj (आज समाज), Indigo Airlines, नई दिल्ली: इंडिगो की दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में कारगिल के हीरो परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार (47) का जोरदार स्वागत किया गया। दरअसल जैसे ही विमान के कैप्टन को पता चला कि उसमें सवार पैसेंजर्स में परमवीर चक्र विजेता सुबेदार मेजर संजय कुमार भी शामिल हैं तो उन्होंने कैबिन से बाहर आकर पैसेंजर्स को यह जानकारी दी। सूबेदार मेजर संजय कुमार हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के गांव बकैन के रहने वाले हैं और साल 1999 के भारत पाकिस्तान के बीच लड़े गए कारगिल युद्ध में वीरता पुरस्कार परम वीर चक्र पाने वाले 21 लोगों में से एक हैं।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

फ्लाइट में सुबेदार मेजर संजय कुमार के जोरदार स्वागत का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। सम्मान के लिए लोगों ने इंडिगो की तारीफ की है। साथ ही संजीव कुमार को सैल्यूट भी किया। एक यूजर ने कहा- गर्व की बात है। दूसरे यूजर ने कमेंट किया- शुक्रिया इंडिगो, हीरो को सम्मान देने के लिए।

कैप्टन ने बहादुरी का वाकया भी बयां किया

कैप्टन ने सुबेदार मेजर संजय कुमार की बहादुरी का वह वाकया भी बयां किया कि कैसे उन्होंने दुश्मनों पर हमला किया था। हमले के दौरान उन्हें गोली भी लगी थी। इंडिगो की तरफ से सुबेदार मेजर संजय कुमार को तोहफा भी दिया। अन्य पैसेंजर्स ने तालियां बजाकर कारगिल हीरो के प्रति सम्मान जताया।

जानिए कारगिल युद्ध में  सूबेदार मेजर संजय कुमार की बहादुरी का पूरा किस्सा

बता दें कि 47 वर्षीय सूबेदार मेजर संजय कुमार ने जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में एक युवा राइफलमैन के तौर पर भारतीय सेना में अपनी सेवाएं शुरू की थी। उन्हें 4 जुलाई, 1999 को ऑपरेशन विजय में अपने दल के साथ मुशकोह घाटी में प्वाइंट 4875 पर कब्जा करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी।

ऑटोमेटिक हथियारों से दुश्मनों की भारी गोलाबारी से भारतीय सेना की टुकड़ी का हमला रुकने लगा तो राइफलमैन कुमार ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए दुश्मन पर सीधा हमला कर दिया, जिसके बाद आमने- सामने की लड़ाई में इस जांबाज़ सिपाही ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए और 3 घुसपैठियों को मौत के घाट उतार दिया।

कुमार यहीं पर नहीं रुके उन्होंने टीम के साथ दुश्मन की दूसरी पोस्ट पर भी धावा बोल दिया। घायल होने बावजूद इस वीर के साहस से दुश्मन मैदान छोड़ कर भागने पर मजबूर हो गया और भारतीय सेना का मुशकोह घाटी में प्वाइंट 4875 पर कब्जा हो सका।

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