Business News Hindi : वैश्विक टैरिफ नीति के बावजूद अच्छी रहेगी भारत की विकास दर

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Business News Hindi : वैश्विक टैरिफ नीति के बावजूद अच्छी रहेगी भारत की विकास दर
Business News Hindi : वैश्विक टैरिफ नीति के बावजूद अच्छी रहेगी भारत की विकास दर

पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रह गई थी देश की विकास दर

Business News Hindi (आज समाज), बिजनेस डेस्क : वर्तमान में भारत सहित विश्व के कई देश जिस चुनौती का सबसे ज्यादा सामना करने के लिए तैयारी में जुटे हैं वह है अमेरिका द्वारा जारी की गई नई टैरिफ नीति की। दरअसल अमेरिकी राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर उच्च टैरिफ दरें लागू करने की घोषणा की है जिनमें भारत भी शामिल है। अमेरिका दो अप्रैल से भारत के साथ पारस्परिक टैरिफ नीति लागू करने जा रहा है। बावजूद इसके आर्थिक विशेषज्ञ इस बात से चिंतित नहीं हैं। इसके साथ ही यह उम्मीद जताई जा रही है कि भारत आने वाले दिनों में अच्छी गति के साथ विकास की राह पर चलेगा और भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी गति में रहेगी।

इस तरह से मजबूत हुई अर्थव्यवस्था

भारत की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में घटकर 6.2% रह गई है। नेशनल स्टैटिस्टिकल आॅफिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान तिमाही में विकास दर 9.5% थी। यह गिरावट मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन के कारण देखी गई है। हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ 6.5% बनी रहेगीद्ध।

दूसरी तिमाही से बेहतर हैं आंकड़े

मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.2% की जीडीपी ग्रोथ दर्ज की गई, जो दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के 5.6% से अधिक है। हालांकि, यह भारतीय रिजर्व बैंक (फइक) के 6.8% के अनुमान से कम रही। मौजूदा तिमाही में आर्थिक वृद्धि की गति अपेक्षा से धीमी रही, जिसका असर बाजार के प्रदर्शन और उपभोक्ता मांग पर भी देखा गया। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 11.7 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पूरे वर्ष के लक्ष्य का 74.5% है। इसी अवधि में कुल कर संग्रह 19.04 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना लक्ष्य का 74.4% है।

बजट में कम किया गया फिस्कल डेफिसिट का लक्ष्य

बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य को घटाकर 4.8% कर दिया है और 2025-26 में इसे 4.4% तक सीमित करने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार 2026-27 से जीडीपी-ऋण अनुपात को मुख्य फिस्कल बेंचमार्क बनाने की योजना बना रही है, और 2031 तक इसे 50% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।

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