पिछले साल के मुकाबले 0.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई

Business News Update (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिकी टैरिफ नीति और वैश्विक उठापटक के बीच गत माह देश के निर्यात में मामूली वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि चिंता की बात यह है कि इसी अवधि के दौरान देश का कुल व्यापार घाटा भी बढ़ गया। सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की बात करें तो भारतीय उत्पादों के निर्यात का आंकड़ा जहा 2023-24 में यह आंकड़ा 437.07 बिलियन अमरीकी डॉलर था।

भारतीय वस्तुओं के निर्यात का आंकड़ा 2024-25 में 437.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस तरह निर्यात में पिछले साल की तुलना में मामूली वृद्धि दिखी है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने मंगलवार को यह खुलासा किया। सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत का निर्यात चार महीने बाद मामूली रूप से बढ़ा है। देश का निर्यात मार्च महीने में 0.7 फीसदी की वृद्धि के साथ 41.97 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, इस बीच हमारा व्यापार घाटा बढ़कर 21.54 अरब डॉलर हो गया।

आयात में भी हुई वृद्धि

वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) की बात करें तो भारत का कुल निर्यात 0.08 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 437.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान देश का आयात 6.62 प्रतिशत बढ़कर 720.24 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जिससे व्यापार घाटा बढ़कर 282.82 अरब डॉलर हो गया। सरकार ने अपने आंकड़ों में बताया है कि फरवरी में देश का व्यापार घाटा 14.05 अरब डॉलर पर था। पिछले साल मार्च में व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच का अंतर 15.33 अरब डॉलर था। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान व्यापार घाटा 241.14 अरब डॉलर था। आयात की बात करें तो मार्च में यह सालाना आधार पर चार महीने में सबसे अधिक 11.3% या 65.51 अरब डॉलर की वृद्धि हुई।

चीन के निर्यात में भी हुई वृद्धि

वर्तमान में विश्व की दो बड़ी आर्थिक महाशक्तियों के बीच व्यापारिक युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। इसका असर विश्व के कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां अमेरिका सोच रहा था कि टैरिफ बढ़ाकर वह चीन को व्यापार मामले में बैकफुट पर धकेल देगा वहीं चीन ने पूरी दुनिया को चौंकाते हुए निर्यात के मामले में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है। आर्थिक सर्वेक्षणों की बात करें तो पिछले साल मार्च के मुकाबले इस सााल मार्च में चीन के निर्यात में 12.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

इस तरह अमेरिकी दवाब से निपट रहा चीन

सीमा शुल्क प्रशासन के प्रवक्ता ल्यू डालियांग ने कहा कि चीन एक जटिल और गंभीर बाहरी स्थिति का सामना कर रहा है, लेकिन आसमान नहीं गिरेगा। उन्होंने चीन के विविध निर्यात विकल्पों और विशाल घरेलू बाजार की ओर इशारा किया। जब उनसे चीनी आयात में गिरावट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि चीन लगातार 16 वर्षों से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा आयातक रहा है, और वैश्विक आयात में उसका हिस्सा लगभग 8% से बढ़कर 10.5% हो गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में और भविष्य में बड़ा चीनी बाजार विश्व के लिए एक बड़े अवसर की तरह है।

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