US Tariff Policy Update : अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित नहीं होगा भारत का विकास : वित्त मंत्री

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US Tariff Policy Update : अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित नहीं होगा भारत का विकास : वित्त मंत्री
US Tariff Policy Update : अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित नहीं होगा भारत का विकास : वित्त मंत्री

कहा, अर्थव्यवस्था का लचीलापन और घरेलू मांग विकास दर को बनाए रखेगी

US Tariff Policy Update (आज समाज) बिजनेस डेस्क : अमेरिका की नई टैरिफ पॉलिसी को लेकर पूरे विश्व में हाहाकार मची हुई है। हालांकि भारत सहित कई ऐसे देश हैं जहां की सरकार इस बात से इंकार कर रही है कि इस टैरिफ पॉलिसी का ज्यादा असर उनके विकास पर होगा। लेकिन फिर भी शुक्रवार से लेकर सोमवार तक सभी प्रमुख शेयर बाजार अमेरिकी टैरिफ नीति के खौफ में रहे। इसी के चलते इनमें रिकॉर्ड गिरावट देखी गई। इस सबके बीच भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान सामने आया है।

अर्थव्यवस्था प्रतिस्पर्धा को भुनाने के लिए अच्छी स्थिति में

अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए 26 फीसदी टैरिफ के असर को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैरिफ के बाद तेजी से बदल रहे वैश्विक व्यापार परिदृश्य के बाद भी भारत का आर्थिक विकास प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का लचीलापन और घरेलू मांग की मजबूती भारत को विकास का इंजन बनाती रहेगी। लंदन में भारतीय उच्चायोग में 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के भारत के प्रयास के लिए अवसर और चुनौतियां विषय पर बातचीत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था घरेलू दक्षता और प्रतिस्पर्धा को भुनाने के लिए अच्छी स्थिति में है। यही चीजें वैश्विक चुनौतियों से निपटती हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही

सीतारमण ने कहा कि दुनिया ने कई वर्षों से निराशाजनक विकास देखा है। पहले यह लंबे समय तक कम दिलचस्प था और अब यह लंबे समय तक कम विकास होने जा रहा है, और यह किसी के लिए भी अच्छी खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले पांच सालों से लगातार सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार रखा है और हमें अभी भी लगता है कि यह गति कुछ धीमी पड़ सकती है, लेकिन फिर भी भारत ही इस वृद्धि को बनाए रखेगा। हमारी वृद्धि घरेलू स्तर पर मौजूद खपत के कारण संतुलित होती है। इसे वैश्विक मानक वाले सामानों की मांग का समर्थन प्राप्त है और यही कारण है कि 1990 के दशक से वैश्वीकरण ने भारत को कई अवसर दिए हैं।