Aaj Samaj (आज समाज), Indian Ocean Warships, नई दिल्ली: चीन की बढ़ती गतिविधियों और समुद्री लुटेरों के आतंक को देखते हुए भारत ने हिन्द महासागर और आसपास के क्षेत्रों में रिकॉर्ड 11 पनडुब्बियां तैनात की हैं। साथ ही भारतीय नौसेना ने 35 युद्धपोत भी तैनात किए हैं, जो लगातार निगरानी व गश्त अभियान चला रहे हैं। समुद्री क्षेत्र में 5 एयरक्राफ्ट की भी तैनाती की गई है, ताकि जरूरत पड़ने पर हवाई मदद भी तत्काल उपलब्ध हो सके।
चीन ने हिन्द महासागर में मजबूत की है अपनी उपस्थिति
बता दें कि हाल के कुछ वर्षों में चीन ने हिन्द महासागर के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत की है। विभिन्न गतिविधियों का बहाना बनाते हुए चीन की ओर से इस क्षेत्र में लगातार नेवी के युद्धपोत, सैटेलाइट ट्रैकर और पनडुब्बियां भेजी जाती रही हैं। इसी को देखते हुए भारत ने भी अपनी स्थिति मजबूत करने के मकसद से बड़ा कदम उठाया है। तीन दशक में यह पहला मौका है जब भारतीय नौसेना ने हिन्द महासागर और आसपास एक साथ 11 पारंपरिक पनडुब्बियां तैनात की हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह तैनाती पिछले दो दशकों में भारतीय पनडुब्बी इतिहास के बिल्कुल विपरीत है।
1990 के दशक में एक साथ बड़ी संख्या में पनडुब्बियां तैनात की थी
आखिरी बार 1990 के दशक की शुरुआत में भारतीय पनडुब्बियों को एक साथ सबसे बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। उस समय भारतीय नौसेना ने 8 रूस की किलो-श्रेणी की, चार एचडीडब्ल्यू (जर्मन) और चार रूसी फॉक्सट्रॉट पनडुब्बियां तैनात की थीं।
भारत के पास फिलहाल 16 पारंपरिक पनडुब्बियां हैं, जिनमें पांच स्कॉर्पियन-क्लास (फ्रांसीसी), चार एचडीडब्ल्यू (जर्मन) और सात किलो-क्लास (रूसी) पनडुब्बियां शामिल हैं। एक और स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी कमीशनिंग की प्रतीक्षा में है। इस तरह अगले साल तक भारत के पास 17 पारंपरिक पनडुब्बियां होंगी।
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