BNS Now Replaces IPC, आज समाज, नई दिल्ली: भारतीय न्याय संहिता (BNS) ने 1 जुलाई 2024 से आईपीसी की जगह ले ली है और अब आपराधिक मामलों का निपटारा बीएनएस की धाराओं के तहत होगा। नए कानूनों में कुछ ऐसे अपराध शामिल किए गए हैं जिनका पुराने आईपीसी में सीधे तौर पर जिक्र नहीं था। इन अपराधों में से एक है शादी का झूठा वादा करके किसी महिला से संबंध बनाना। इसका प्रावधान बीएनएस के सेक्शन-69 में है। कानूनी विशेषज्ञों की राय है कि सेक्शन-69 ने एक तरह से रिलेशनशिप में धोखा देने को गैरकानूनी बना दिया है।
बीएनएस में हैं कुल 19 चैप्टर, 10 साल तक जेल
बीएनएस में कुल 19 चैप्टर हैं और इसके 5वें चैप्टर का टाइटल है, ‘महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध’ सेक्शन 69 इसी चैप्टर का हिस्सा है और इसे यौन अपराधों की श्रेणी में रखा गया है। बीएनएस-2023 का सेक्शन 69 छल या धोखा देकर किसी महिला से संबंध बनाने को अपराध बताता है। इसमें लिखा है, किसी महिला को धोखा देकर उससे यौन संबंध बनाने पर दोषि को 10 साल तक जेल हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति बिना किसी इरादे के किसी महिला से शादी करने का वादा करके यौन संबंध बनाता है, तो उसे भी सजा दी जाएगी। दोषी को जुर्माना भी देना होगा। यह धारा उन मामलों में लागू होगी जो दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आते।
जानें बीएनएस के सेक्शन 69 पर क्यों हो रहा विवाद
धारा 69 में ‘छल’ को जिस तरह परिभाषित किया गया है, उसके कारण खासतौर पर पुरुषों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है। 69 में ‘छल’ या धोखा का स्पष्टीकरण दिया हुआ है, जिसमें रोजगार या प्रमोशन का झूठा वादा, प्रलोभन और पहचान छिपाकर शादी करना शामिल है।
पहले अरेंज मैरिज, अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का कॉन्सेप्ट
आजकल के रिश्ते पुराने जमाने से काफी अलग हैं। पहले जहां ज्यादातर लोगों की अरेंज मैरिज होती थी, वहीं आजकल शादी से पहले लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के कॉन्सेप्ट को मान्यता मिल रही है। लिव-इन रिलेशन में शादि किए बिना लड़का और लड़की एक दूसरे के साथ पति-पत्नी की तरह एक ही घर में रहते हैं। इस दौरान कपल्स इस बात का आकलन करते हैं कि वे जीवन भर एक दूसरे के साथ रहना पसंद करेंगे या नहीं, लेकिन हर लिव-इन रिलेशन सफल नहीं होता।
महिलाओं के पास अपने पार्टनर को जेल भेजने की पावर
अगर रिश्तों में खटास होती है, तो BNS सेक्शन 69 के तहत महिलाओं के पास अपने पार्टनर को जेल भेजने की पावर आ जाती है। जबकि पुरुषों के संरक्षण के लिए कोई प्रावधान नहीं है। एक रिपोर्ट में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि BNS की धारा 69 विश्वसनीय सबूत के बिना पुरुषों को गिरफ्तार करना आसान बना सकती है।