डाॅ.श्रीकृष्ण शर्मा
ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों को मिली शानदार कामयाबी के बाद से ही पूरा देश खेलों के रंगों में रंगा दिखाई पड़ रहा है। खेलों के स्तर को सुधारने के लिए जरूरी योजनाओं को जमीन पर उतारा जाने लगा हैं। नई नई योजनाओं पर भी विचार होने की बातें कही जा रही है। यही होता है सफलताओं का असर। ओलंपिक हाॅकी में भारतीय हाॅकी की जो लय दिखाई पड़ी अब और अधिक मजबूत होती नजर आएगी ऐसा मानना है हाॅकी के जानकारों का। जहां टोक्यो ओलंपिक खेलों में पुरूष हाॅकी ने कांस्य पदक पाकर शानदार वापसी की है वहीं महिला हाॅकी का पहली चार टीमों में जगह बनाने की चर्चाएं भी खूब जोरों से हो रही हैं। साथ ही बात हो रही है ओडिसा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की। उस पहल को आगे बढ़ा दिया है जो उन्होंने हाॅकी के उत्थान के लिए तीन साल पहले की थी। ओडिसा सरकार अगले दस साल तक भारतीय हाॅकी टीमों की प्रायोजक बनी रहेगी। हाॅकी इंडिया के साथ ओडिसा सरकार की यह भागीदारी भारतीय हाॅकी के लिए ही नहीं दूसरे खेलों के लिए भी असरदार साबित होगी। यह भी सच है कि ओडिसा इस समय भारतीय हाॅकी के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बन गया है। हो सकता है कि आने वाले समय में ओडिसा सरकार की तरह दूसरी सरकारें भी अन्य खेलोें में आज की जरूरतों पूरा करने के लिए आगे आ जाएं। भारतीय हाॅकी के सफल प्रदर्शन के एक सवाल के जवाब में दिल्ली हाॅकी के महासचिव महेश दयाल ने कहा कि यह हाॅकी इंडिया की उन योजनाओं का परिणाम है जो ईमानदारी के बल पर भाई भतीजेवाद को खत्म करके शानदार टीम उतारने के लिए बनाई थीं। उन्होंने कहा कि इन कामयाबियों का श्रेय नरिंदर बत्रा को जाता है जिन्होंने वे सभी सफल प्रयास किए जो हाॅकी की बेहतरी के लिए जरूरी थे। महेश दयाल ने कहा कि ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन के बाद भारतीय युवावर्ग में अब हाॅकी के प्रति रूझान दिखाई पड़ेगा। यहां यह भी बताना जरूरी हो जाता है भारतीय हाॅकी के लिए टोक्यो लाभदायक सिद्ध होता रहा है। ओलंपिक खेलों भारतीय पुरूष हाॅकी टीम ने इक्तालीस साल बाद कांस्य पदक के साथ वापसी की हैं। जबकि महिला टीम ने कड़े मुकाबले के बाद चौथा स्थान पाकर अपनी ताकत का अहसास करा दिया। ओलंपिक खेलों में महिला टीम का अब तक का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। हमारी पुरूष हाॅकी का तो गौरवशाली इतिहास रहा है। लेकिन पिछले इक्तालीस साल की नामायाबियों की धूल ने सुनहरी यादों को ही ढक दिया था। अगर पदकों की बात करें तो टोक्यो ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक की जीत ने पुरूष हाॅकी के पदकों की संख्या बारह हो गई है। जिनमें आठ स्वर्ण पदक, एक रजत पदक और तीन कांस्य पदक हैं। यही ऐतिहासिक कामयबियां भावात्मक रूप से हमें हाॅकी से जोड़े हैं।
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