आज समाज डिजिटल, रोहतक:
भारतीय किसान यूनियन (किसान सरकार) के राष्ट्रीय महासचिव एवं संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख सदस्य वीरेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र सरकार द्वारा धान के निर्यात पर लगाई गई 20 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी की घोर आलोचना करते हुए इसे तुरंत प्रभाव से वापिस लेने की मांग की है।
बाजार में धान की मांग बढ़ेगी
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए हुड्डा ने कहा कि जब भी किसान की फसल मंडी में बिकने के लिए आती है तो सरकार ड्यूटी लगाकर किसानों को बर्बादी के कगार पर पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ती। उन्होंने कहा कि ड्यूटी लगने से धान के भाव में 400 रूपये से लेकर 1000 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गिरावट आ गई है। इस स्थिति का फायदा कारपोरेट घराने उठाते हैं। वे अब मंदे भाव में धान को खरीदकर अपने गोदामों में भर लेंगे और जैसे ही बाजार में धान की मांग बढ़ेगी वैसे ही मनमर्जी के दामों में धान को बेचकर कई गुणा ज्यादा मुनाफा कमाएंगे। उन्होंने दावा किया कि एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने के पीछे मुख्य मकसद कारपोरेट हाउस को मुनाफा देना है ताकि सरकार में बैठे बड़े लोगों को भी इस धंधे से फायदा मिल सके।
हुड्डा ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा की एक महत्वपूर्ण बैठक 25 सितंबर को बेंगलूरू में बुलाई गई है जिसमें इस मुद्दे पर गहनता से चर्चा करने के साथ-साथ किसानों की अन्य मांगों को मनवाने के लिए निर्णायक रणनीति बनाई जाएगी।
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