Indian Coalition Governments: गठबंधन सरकारों के बनते-बिगड़ते रिश्ते, कई बार हो चुकी है टूट

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गठबंधन सरकारों के बनते-बिगड़ते रिश्ते, कई बार हो चुकी है टूट।

Aaj Samaj (आज समाज), Indian Coalition Governments, नई दिल्ली: देश के संसदीय इतिहास में 10 साल बाद फिर से गठबंधन सरकार का दौर लौट रहा है। पहली बार मोदी गठबंधन की सरकार चलाएंगे। 1977 में कई दलों ने मिलकर एक दल के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा और स्पष्ट बहुमत की सरकार बनी। यह देश की पहली गैर-कांग्रेसी सरकार थी। जीत के बाद मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में गठबंधन दो साल तक चला। सरकार के गृह मंत्री रहे चरण सिंह ने पार्टी से अलग होकर जनता पार्टी सेक्युलर बनाई। कांग्रेस के बाहरी समर्थन से चरण सिंह प्रधानमंत्री बने। यह देश में गठबंधन का पहला प्रयोग था, जो केवल 23 दिन तक चला।

1980 के लोकसभा चुनाव के करीब 9 साल बाद लौटा गठबंधन

1980 के लोकसभा चुनाव के करीब नौ साल बाद देश में एक बार फिर गठबंधन सरकार वाला दौर लौटा। 1989 में लोकसभा के चुनाव हुए जिसमें राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। पूर्व कांग्रेस नेता विश्व नाथ प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय मोर्चा नाम से एक नया गठबंधन बनाया। उन्हें बीजेपी और लेफ्ट ने बाहर से समर्थन दिया। वहीं, डीएमके, एजेपी और टीडीपी जैसे दल सरकार का हिस्सा बने। उनकी यह सरकार एक साल भी नहीं चल सकी।

1990 में बीजेपी ने वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस लिया

1990 में जब अयोध्या में राम मंदिर के लिए आंदोलन चरम पर था। इस दौरान बीजेपी के सबसे बड़े नेता लाल कृष्ण आडवाणी अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए देशव्यापी यात्रा निकाल रहे थे। उन्हें बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद बीजेपी ने वीपी सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। इस सियासी घटनाक्रम के बाद जनता दल के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर नवंबर 1990 में कांग्रेस पार्टी के बाहरी समर्थन से वीपी सिंह के बाद प्रधानमंत्री बने। चंद्रशेखर की सरकार भी चंद महीनों बाद गिर गई।

नरसिम्हा राव ने 5 साल अल्पमत की सरकार चलाई

1991 में नए सिरे से आम चुनाव कराए गए जिसमें कांग्रेस फिर से सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। कांग्रेस नेता पीवी नरसिम्हा राव, जनता दल के बाहरी समर्थन से प्रधानमंत्री बने। उन्होंने पांच साल तक अल्पमत की सरकार चलाई। 1996 में कई छोटे दलों के समर्थन के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनकी सरकार केवल 13 दिन ही चल सकी। फिर एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाले संयुक्त मोर्चे में सरकार बनी। यह गठबंधन भी बहुत दिन तक नहीं चल पाया। एक साल में ही देवगौड़ा सरकार गिर गई। इंद्र कुमार गुजराल ने उनकी जगह ली, लेकिन उनकी सरकार भी एक साल से ज्यादा नहीं चल सकी।

देश की पहली गठबंधन सरकार, जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया

1998 के लोकसभा चुनाव में देश ने एक बार फिर एक गठबंधन सरकार आई। अटल बिहारी वाजपेयी ने नेशनल डेमक्रेटिक अलायंस (एनडीए) नाम से गठबंधन बनाया। यह सरकार 13 महीने तक चली। इसके बाद नए सिरे से चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी ने 182 सीटों पर जीत दर्ज की। 299 सदस्यों के समर्थन के साथ वाजपेयी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस बार वाजपेयी सरकार ने अपना कार्यकाल पूरा किया। यह देश की पहली गठबंधन सरकार थी जिसने अपना कार्यकाल पूरा किया था।

कांग्रस ने 2009 से 2014 तक गठबंधन की सरकार चलाई

2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। फिर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) नाम से देश में एक नया गठबंधन बना और मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री चुना गया। मनमोहन के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन को 2009 के चुनाव में दूसरे कार्यकाल के लिए फिर चुना गया। कांग्रेस ने 2009 से 2014 तक गठबंधन की सरकार चलाई। इस तरह करीब 10 साल बाद अबकी नरेंद्र मोदी देश में फिर गठबंधन सरकार बनी है।

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