Indian Army: दुश्मन की अब खैर नहीं, अमेरिका से 73 हजार बंदूकें खरीद रहा भारत

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Indian Army दुश्मन की अब खैर नहीं, अमेरिका से 73 हजार बंदूकें खरीद रहा भारत
Indian Army : दुश्मन की अब खैर नहीं, अमेरिका से 73 हजार बंदूकें खरीद रहा भारत

India-US Defence Deal, (आज समाज), नई दिल्ली: दुश्मन की अब खैर नहीं है। जानकारी के अनुसार भारत ने अमेरिका से 70 हजार से ज्यादा सिग सॉ असॉल्ट राइफल्स की डील की है। सिग सॉ के मुताबिक भारत व अमेरिका के बीच 73,000 सिग सॉ बंदूकों की एक डील हुई है।  भारत ने 837 करोड़ रुपए में इस पर साइन किए हैं। एक सूत्र ने यह जानकारी दी है।

डीएसी ने दिसंबर-2023 में लगाई मुहर

रक्षा मंत्री राजनाथ की अगुवाई वाली डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) ने  पिछले साल दिसंबर में ही इन बंदूकों की खरीद पर मुहर लगा दी थी। यह खरीद ऐसे समय में हो रही है जब सीमा पर चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते तल्ख चल रहे हैं। 73,000 सिग सॉ बंदूकों की डिलीवरी के बाद भारतीय सेना के पास 1.45 लाख से ज्यादा SIG-716 असॉल्ट राइफल्स हो जाएंगी।

72,400 बंदूकों के जखीरे में शामिल होंगी बंदूकें

73,000 सिग सॉ बंदूकें सेना द्वारा पहले खरीदी गई ऐसी 72,400 बंदूकों के जखीरे में शामिल होंगी। फरवरी 2019 में फास्ट-ट्रैक खरीद के तहत भारत ने 647 करोड़ रुपए में 72 हजार 400 एसआईजी-716 राइफल्स का आॅर्डर दिया था। 2018-19 में राइफल्स की बढ़ती जरूरत के लिए भारत ने रूस से एके-203 राइफल्स का आॅर्डर दिया था, पर इनके मिलने में देरी के चलते भारत ने फरवरी 2019 में अमेरिकी फर्म सिग सॉ से डील की थी।

पहले लॉट से सेना को दी गई  66,400 राइफल्स

पहले लॉट में आईं 72,400 राइफल्स से सेना को 66,400, एयरफोर्स को 4,000 और नेवी को 2,000 राइफल्स दी गई थीं। ये धीरे-धीरे इनसास राइफल की जगह लेंगी। एसआईजी-716 रायफल 7.62x51mm कैलिबर गन होती है जिनकी मारने की क्षमता 500 मीटर तक होती है। ये पाकिस्तान और चीन से सटी सीमाओं पर तैनात सेनाओं को दी जाएंगी। सूत्र ने बताया कि सेना 40, 949 लाइट मशीन गन भी खरीद रही है जिसमें अनुमान के तौर पर 2 हजार 165 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

अमेठी में कोरवा आर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी हैं 35 हजार गन

इसी साल जुलाई में सेना को पहली 35 हजार एके-203 क्लाशिनकोव रायफल मिली थी, जो उत्तर प्रदेश अमेठी स्थित कोरवा आर्डिनेंस फैक्ट्री में बनी थीं। रिपोर्ट के अनुसार 10 साल में कोरवा फैक्ट्री में ऐसी 6 लाख एके-203 रायफल तैयार होनी हैं। इनकी रेंज 300 मीटर होती है। 2018 में इस प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया था। कीमत रॉयल्टी, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आदि कई परेशानियों के कारण इसमें देरी हो गई थी।